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Umesh Pal Kidnaping Case: माफिया अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा, भाई अशरफ बरी

डॉन अतीक अहमद को उमेश पाल हत्याकांड में दोषी करार दिया गया है, जबकि उसके भाई को बरी कर दिया गया है.

डॉन अतीक अहमद को उमेश पाल हत्याकांड में दोषी करार दिया गया है, जबकि उसके भाई को बरी कर दिया गया है.

Umesh Pal Kidnapping Case: उमेश पाल हत्याकांड के बाद राज्य सरकार अतीक के खिलाफ दर्ज मुकदमों की मजबूत से पैरवी करने में ...अधिक पढ़ें

प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उमेश पाल अपहरण मामले में  प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. मामले में अतीक अहमद को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. वहीं, माफिया के भाई सहित 6 आरोपियों को बरी कर दिया गया है.

जानकारी के अनुसार, माफिया अतीक अहमद, उसके करीबी शौकत हनीफ और दिनेश पासी को जिला न्यायालय की एमपी एमएलए विशेष न्यायाधीश डॉक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला ने दोषी करार दिया था. विशेष अदालत ने आईपीसी की धारा 364 ए के तहत दोषी पाया है. विशेष अदालत में बाकी सभी आरोपियों को इस मामले में दोषमुक्त कर दिया है. अतीक का भाई अशरफ भी दोषी नहीं पाया गया है. अब माफिया को सजा सुनाई गई है. अतीक के अलावा, 3 अन्य दोषियों को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

अब चर्चा यह है कि क्या अतीक अहमद को वापस साबरमती जेल ले जाया जाएगा या फिर सजा वह नैनी सेंट्रल जेल या फिर उत्तर प्रदेश की किसी जेल में ही रखा जाएगा. इन चर्चाओं को अगर तथ्यों के लिहाज से परखें तो अतीक अहमद के वापस साबरमती जेल जाने की संभावनाएं कम होती दिख रही है. माफिया अतीक अहमद की अब साबरमती गुजरात वापसी की राह आसान नहीं होगी. केवल इसी सजा के कारण नहीं, बल्कि कुछ और भी वजह हैं.

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उमेश पाल अपहरण केस में मंगलवार को सजा का एलान होने के बाद अतीक की मुश्किलें और बढ़नी तय मानी जा रही हैं. दरअसल, अतीक को उमेश पाल अपहरण कांड के बाद राजूपाल हत्याकांड में भी सजा सुनाई जानी है. मामले की जांच सीबीआई के अधिकारी कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, अगले एक माह में राजूपाल हत्याकांड के दोषियों को सजा सुनाई जा सकती है.

प्रयागराज आने के बाद पुलिस उमेश पाल की हत्या के मामले में अदालत में अर्जी देकर अतीक को कस्टडी में लेने की पूरी कोशिश में है. फिर कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए दोबारा अदालत जाएगी. इस दौरान उससे पूछताछ की जाएगी. इस प्रक्रिया में करीब एक महीने का वक्त लग सकता है. इसके बाद राजूपाल हत्याकांड पर फैसला आने की उम्मीद है. वहीं, उमेश पाल हत्याकांड के बाद राज्य सरकार अतीक के खिलाफ दर्ज मुकदमों की मजबूत से पैरवी करने में जुट गई है. अभियोजन निदेशालय खुद हर मामले की मॉनिटरिंग कर रहा हैं. ऐसे हालात में अतीक की गुजरात वापसी की राह आसान नहीं दिख रही है.

Tags: Atiq Ahmed, Umesh yadav, UP police

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