प्रयागराज में इन दिनों आस्था का महापर्व माघ मेला चल रहा है. जिसमें लोग मीलों का सफर तय करके कल्पवास करने आते हैं. लेकिन इन दिनों कल्पवासियों को कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.जी हां गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण कई सारे शिविर पानी से घिर गए हैं.मेला क्षेत्र में कई जगह कटान का भी खतरा मंडराने लगा है.आपको बता दें कि पानी के भराव के कारण गंगा की रेती पर बसे हुए शिविर जलमग्न हो गए हैं और वहां रह रहे कल्पवासियों को अपनी गृहस्थी बचाने की जद्दोजहद करनी पड़ रही है.पांटून पुल पर यातायात भी प्रभावित हो रहा है.मेले में तमाम तरह की अव्यवस्थाएं हो गई हैं जिसके चलते लोगों को खासा परेशानी झेलनी पड़ रही है.त्रिवेणी मार्ग में लगभग दो दर्जन शिविर पानी से घिर गए हैं.पानी के बढ़े जलस्तर के कारण तमाम तरह की अव्यवस्थाओं के चलते लोगों के अंदर काफी नाराजगी है,एहतियातन लोगों को दूसरे स्थान पर विस्थापित किया जा रहा है.
मंडलायुक्त ने संभाली मेले की कमान
मेले की तमाम अव्यवस्थाओं को देखते हुए अब मंडल आयुक्त संजय गोयल ने खुद कमान संभाल ली है.मेला प्राधिकरण ने पहली बार टोल फ्री नंबर भी जारी किया है, लोग सुविधा न मिलने की शिकायत दर्ज करा सकते हैं.इसके साथ ही 2 फरवरी को होने वाली मौनी अमावस्या के स्नान पर्व को देखते हुए घाटों पर समतलीकरण का काम भी जोरों शोरों से शुरू कर दिया गया है.माघ मेला में श्रद्धालुओं के शिविर में गंगा का पानी जाने से रोकने के लिए 3 फीट ऊंचा तटबंध बनाया गया है.ऐसा दावा किया जा रहा है कि माघ मेले में पहली बार तटबंध बनाया गया है.इससे पहले कटान रोकने के लिए बालू की बोरियां ही लगाई जाती थी.
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