जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में कुंभ नगरी प्रयागराज के महेश यादव भी शहीद हुए हैं. महेश यादव सीआरपीएफ में कांस्टेबल थे और बिहार में 118 बटालियन में तैनात थे. शहीद महेश कुमार के घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लगा हुआ है, लेकिन लोगों में इस आतंकी हमले को लेकर भारी आक्रोश भी है, लोग जहां पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग कर रहे हैं, वहीं परिजन भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने की भी मांग कर रहे हैं.
बता दें कि ढाई साल पहले ही नौकरी पाने वाले महेश पर पूरे परिवार का पेट पालने की ज़िम्मेदारी थी. छोटे भाई की पढ़ाई और इकलौती बहन की शादी के साथ ही पत्नी व दो मासूम बच्चों को पालने का ज़िम्मा भी उन्हीं के पास था. मिलनसार स्वभाव के महेश की शहादत पर परिवार ही नहीं पूरे गांव में मातम का माहौल है. चार और छह साल के मासूम बेटों को इस बात का एहसास भी नहीं कि पिता का साया उनके सिर से उठ चुका है. रोती बिलखती पत्नी संजू देवी के पास अपना दुख बयां करने के लिए शब्द नहीं है.
और उनकी सरकार से इस हमले का बदला फौरन लिए जाने की मांग कर रहे हैं. बारहवीं क्लास की पढ़ाई कर रही बहन संजना के आंसू तो थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. महेश कुमार यादव प्रयागराज के यमुनापार के मेजा इलाके के रहने वाले थे. दो भाईयों और इकलौती बहन में सबसे बड़े महेश को उनके पिता सुरेश ने ऑटो रिक्शा चलकर पढ़ाया और पाला था.
महेश बचपन से ही देश के लिए लड़ने का सपना देखते थे, इसीलिये उन्होंने खेती करने के साथ ही पढ़ाई जारी रखी और 2016 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए. महेश की शहादत के बाद परिवार अब अनाथ हो गया है. महेश इतने मिलनसार व हंसमुख थे कि उन्हें याद कर पूरा गांव रो रहा है. परिवार और गांव के लोग पीएम मोदी व उनकी सरकार से महेश की मौत का बदला लेने व आतंकियों और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिए जाने की मांग कर रहे हैं. लोगों को उम्मीद है कि पीएम मोदी इस बार अपने वायदे को ज़रूर निभाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : February 16, 2019, 11:04 IST