प्रयागराज. 30 साल पहले लाठी डंडे से पीट-पीटकर हत्या करने के आरोपियों को जिला कोर्ट प्रयागराज ने 10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. इतनी लंबी चली मामले की सुनवाई के दौरान ही मामले के पांच आरोपितों की मौत हो गई. वहीं बाकि बचे पांच आरोपितों को सजा सुनाई गई है. जिनको सजा सुनाई गई है वे संगम, सूबेदार, लालचंद ,बाबू और मित्तल हैं. वहीं जबकि मुकदमे के ट्रायल के दौरान ही होरीलाल, भागेलु, किशोरी, बेचन और बिंदेश्वरी की मौत हो गई थी.
जिला कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आरोपितों के विरुद्ध अभियोजन पक्ष मामला साबित करने में सफल रहा है. इसलिए आरोपी दंडित किए जाने के योग्य हैं. अपर सत्र न्यायाधीश रामकिशोर शुक्ल ने अपर शासकीय अधिवक्ता फौजदारी गिरीश तिवारी एवं सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी हरि नारायण शुक्ल और आरोपितों के अधिवक्ता के विस्तृत तर्कों को सुनने और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद यह फैसला सुनाया.
दरअसल पूरा मामला उतरांव थाना क्षेत्र का था. उतरांव थाने में ग्राम दादूपुर निवासी मोतीलाल ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट के मुताबिक 15 अगस्त 1992 को उसके पिता रघुवीर खेत में घास काट रहे थे. तभी सभी आरोपित आए लाठी डंडा लेकर मारने पीटने लगे. भाई जीत लाल, चाचा महावीर, चचेरा भाई हरिशंकर व कल्लू राम ने बीच बचाव भी किया लेकिन रघुवीर को नहीं बचा सके. वारदात में घायल हुए रघुवीर की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
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