प्रतीकात्मक तस्वीर
रिपोर्ट : अमित सिंह
प्रयागराज : राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद(NCERT) की किताबों में उत्तर प्रदेश की विशेषताएं और बोलियां आदि जुड़ने के बाद अगले सत्र से इसकी पढ़ाई शुरू की जाएगी. उदाहरण के तौर पर यदि एनसीईआरटी की किताब में केरल की यात्रा का जिक्र है तो यहां पर बनारस या लखनऊ की यात्रा का वर्णन होगा.
नई शिक्षा नीति के तहत लागू हुआ नियम
पहले शैक्षणिक सत्र 2023- 24 से कक्षा एक और दो में एनसीईआरटी की किताबें लागू करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन नई शिक्षा नीति 2020 के मुताबिक इन किताबों को यूपी के परिवेश में ढालने के लिए लगने वाले समय को देखते हुए इस सत्र में पूर्व से चल रही किताबों के जरिए ही पढ़ाई कराने का निर्देश दिया गया है.
राज्य शिक्षा संस्थान एलेनगंज पहले कक्षा एक में पढ़ाई जाने वाली एनसीईआरटी की हिंदी की किताब रिमझिम को यूपी के परिपेक्ष में तैयार करेगा और इसके बाद अन्य विषयों को कस्टमाइज किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार समग्र शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्य योजना में बजट मिलने के बाद किताबों को यूपी के मुताबिक कस्टमाइज करके काम शुरू किया जाएगा. राज्य शिक्षा संस्थान एलेनगंज ही भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी भाषा का शब्दकोश तैयार कर रहा है बच्चों के लिए कार्यपुस्तिका भी बनाई जाएगी.
कक्षा एक और दो की किताबों का वर्क आर्डर जल्द
एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए सत्र में परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के कक्षा एक व दो के बच्चों को नई किताबों के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है. कैबिनेट ने दस मार्च को एनसीईआरटी किताबें लागू करने के निर्णय को निरस्त कर दिया था, जिसके चलते कक्षा एक और दो की किताबें एक अप्रैल को नहीं मिल सकेगी.
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि कक्षा तीन की किताब मार्च अंत तक जिलों में पहुंच जाएगी. कक्षा एक और दो की किताबों के लिए इसी सप्ताह वर्क आर्डर जारी हो जाएगा. और अप्रैल के तीसरे सप्ताह तक किताबें पहुंचे लगेंगे. तब तक एक व दो के बच्चों के लिए उपचारात्मक कक्षाएं चलाई जाएंगी और पुरानी किताबों से पढ़ाई कराई जाएगी.
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