प्रयागराज. भगवान राम (lord ram) और उनके मित्र निषादराज (Nishadraj) की मिलनस्थली व माता शांता और श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि श्रृंगवेरपुर धाम (Shringverpur Dham) में सोमवार से पांच दिवसीय राष्ट्रीय रामायण मेला शुरू हो गया. 32वें राष्ट्रीय मेले का उद्घाटन पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर पंडित केसरीनाथ त्रिपाठी और स्वामी धराचार्य महाराज ने गंगा तट पर पूजन और गंगा आरती के साथ किया. इसके साथ ही माता शांता और श्रृंगी ऋषि की पूजा-अर्चना की गई.
32वां राष्ट्रीय रामायण मेला 5 दिनों तक चलेगा. इसमें अलग-अलग दिन धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इस मेले में इस बार पाण्डुलिपियों में राम कथा का चित्रण करती हुई दुर्लभ चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जो कि मेले का मुख्य आकर्षण है. मेले में भगवान राम और निषाद राज गुह की मित्रता को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा, ताकि राष्ट्रीय रामायण मेले से समाज में सामाजिक समरसता का भी संदेश दिया जा सके.
यह होंगे कार्यक्रम
16 नवंबर को मेले में साक्षरता और जागरूकता सम्मेलन होगा, जबकि 17 नवंबर को अखिल भारतीय पत्रकार सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. 18 नंबर को कृषि ग्रामीण एवं विकास सम्मेलन और गंगा स्वच्छता पर संगोष्ठी आयोजित की जाएगी. 32 वें राष्ट्रीय मेले का समापन 19 नवंबर को विद्वत सम्मेलन के साथ किया जाएगा.
इस मौके पर मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर पंडित कृष्णा त्रिपाठी ने कहा है कि राष्ट्रीय रामायण मेले का पवित्र उद्देश्य यही है कि लोग भगवान राम के आदर्शों और गुणों को अपने जीवन में उतारें.
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