प्रयागराज. देश में पिछले कुछ समय से प्रधानमंत्री अक्सर किसी बड़ी घोषणा के किए खास दिन का इस्तेमाल करते हैं. गुरु गोविंद सिंह की जयंती पर आज यानी शुक्रवार को पीएम मोदी ने कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया. इसके बाद से किसानों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई है. संगम नगरी प्रयागराज में कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की खबर मिलते ही किसान घरों से बाहर निकल आए. किसानों ने ढोल नगाड़े के साथ झलवा चौराहे पर जमकर जश्न मनाया.
इस मौके पर किसानों ने आतिशबाजी के साथ जमकर नारेबाजी की और कृषि कानूनों को वापस ले जाने को किसानों के आंदोलन की जीत बताया है. तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने से उत्साहित किसान एक दूसरे का मुंह मीठा करा कर अपनी खुशी जता रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले जश्न मना रहे किसान इसे किसानों की एकजुटता और उनके आंदोलन की बड़ी जीत बता रहे हैं.
मोदी के फैसले का स्वागत
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष अनुज सिंह ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के पीएम मोदी के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि संसद सत्र शुरू होने पर कृषि सुधार कानूनों को वापस ले लिये जाने पर ही किसान इसे पूरी तरह से खत्म मानेंगे. अनुज सिंह ने कहा है कि सरकार का फैसला देर से भले ही आया लेकिन दुरुस्त आया. वहीं इसके सियासी फायदे और नुकसान को लेकर किसानों ने कहा है कि विधानसभा चुनाव में वे अपनी मर्जी से जिसे चाहे उसे वोट करेंगे.
10 माह से ज्यादा समय से चल रहा था आंदोलन
गौरतलब है कि तीनों कृषि सुधार सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर गाजीपुर में किसानों का आंदोलन पिछले 10 महीने से ज्यादा समय से जारी है. केंद्र सरकार के साथ कई बार की वार्ता विफल होने के बाद भी किसान पीछे हटने को तैयार नहीं थे. यूपी, उत्तराखंड और पंजाब समेत देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव भी होने वाले हैं. विपक्ष का लगातार दबाव भी बढ़ रहा था जिसको देखते हुए ही पीएम मोदी ने गुरु नानक जयंती के मौके पर मास्टर स्ट्रोक के रूप में कृषि कानूनों की वापसी का बड़ा फैसला लिया है.
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