में किन्नर अखाड़े ने भूमि पूजन के साथ ही अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है. लेकिन किन्नर अखाड़े द्वारा पेशवाई निकाले जाने और शाही स्नान को लेकर अब कोहराम मच गया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने किन्नर अखाड़े की पेशवाई और शाही स्नान के विरोध का एलान कर दिया है.
उज्जैन में हुए सिंहस्थ कुंभ में स्थापित हुए किन्नर अखाड़े ने भी प्रयागराज के कुंभ मेले में दस्तक दे दी है. किन्नर अखाड़े ने भूमि पूजन के बाद अब पेशवाई निकालने की तैयारी शुरु कर दी है. किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के मुताबिक 6 जनवरी को किन्नर अखाड़ा देवत्व यात्रा के साथ कुंभ मेला क्षेत्र में बनाये गए अपने शिविर में प्रवेश करेगा. इसके साथ ही किन्नर अखाड़े के संत स्नान पर्वों पर अमृत स्नान भी करेंगे. उन्होंने किन्नर अखाड़े की पेशवाई और अन्य कार्यक्रमों में लोगों को भी आमन्त्रित किया है.
उधर किन्नर अखाड़े के पेशवाई और शाही स्नान को परम्परा के खिलाफ बताते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महंत नरेन्द्र गिरी ने विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि किन्नर अखाड़े का कोई वजूद ही नहीं हैं. महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि किन्नरों को जमीन भी संस्था के नाम पर दी गई है. उन्होंने कहा है कि सनातन परम्परा में 13 अखाड़ों को ही मान्यता है, इसलिए किन्नर अखाड़ा को भी किसी तरह की कोई मान्यता नहीं मिली हुई है. उन्होंने कहा है कि किन्नर स्नान और जुलूस को निकाल सकते हैं. लेकिन पेशवाई और शाही स्नान नहीं कर सकते हैं.
बहरहाल,पहली बार कुंभ में शिरकत करने आये किन्नर अखाड़े की पेशवाई यानि देवत्व यात्रा और शाही स्नान यानि अमृत स्नान को लेकर भी विवाद गहरा सकता है. ऐसे में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और किन्नरों के बीच यदि कोई सुलह नहीं होती है तो मेला प्रशासन के लिए भी यह बड़ी चुनौती साबित होगी.
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FIRST PUBLISHED : December 24, 2018, 11:27 IST