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संगम नगरी प्रयागराज में प्रसिद्ध है राजाराम की लस्सी और रबड़ी, विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद

Prayagraj News: सुनील गुप्ता बताते हैं कि लोकनाथ में उनकी दुकान उसी स्थान पर है. जहां पर सवा सौ साल पहले थी.न तो दुकान ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- अमित सिंह

प्रयागराज: साहित्य, राजनीति और धर्म के लिए मशहूर प्रयागराज एक अन्य चीज के लिए भी प्रसिद्ध है, वो है उम्दा पकवान बाजी का. लोकनाथ की गलियों में आपको इतने विशेष प्रकार के पकवान मिल जाएंगे कि दूर से ही उसकी सुगंध से आपका मन भर जाता है. ऐसे में एक दुकान जो सबसे नामचीन और सवा सौ साल से अधिक पुरानी है वह है राजाराम की लस्सी और रबड़ी. जहां की लस्सी और रबड़ी के लोग दीवाने हैं और खींचे चले आते हैं. यहां जिलों और प्रदेशों से नहीं बल्कि कई देशों के पर्यटक भी इन खाद्य सामग्रियों का जायका लेने के लिए यहां आते हैं.

राजाराम लस्सी वाले नाम की यह छोटी सी दुकान तकरीबन सवा सौ साल पुरानी है. दुकान के संचालक सुनील कुमार गुप्ता बताते हैं कि इस दुकान की शुरूआत हमारे बड़े पिताजी माधो प्रसाद गुप्ता ने 1897 में की थी. दुकान का नाम मेरे पिता राजाराम गुप्ता के नाम पर रखा था. मेरे पिताजी भी दुकान पर बैठते थे. तब केवल लस्सी और रबड़ी बनाते थे. शुद्ध, ताजा और लाजवाब स्वाद के कारण लोग हमारी लस्सी और रबड़ी को पसंद करने लगे.

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न तो दुकान बदली और न ही लाजवाब स्वाद
सुनील गुप्ता बताते हैं कि लोकनाथ में उनकी दुकान उसी स्थान पर है. जहां पर सवा सौ साल पहले थी.न तो दुकान का स्थान बदला न ही लुक और हमारी लस्सी, रबड़ी का स्वाद भी पहले की तरह ही लाजवाब है. बताया कि हमारे यहां शुद्धता व सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. लस्सी के लिए शुद्ध दूध से दही तैयार कराते हैं. शुद्ध दूध से ही रबड़ी भी तैयार की जाती है. जिससे वह अधिक स्वादिष्ट लगती है.

काली गाजर का हलवा
सुनील ने बताया कि शुरूआत में यहां केवल लस्सी व रबड़ी ही मिलता था, अब खुरचन मलाई, मक्खन मलाई के अलावा केसरिया जलेबी, मोतीचूर के लड्डू, काली और लाल गाजर से बना हलवा, गुलाब जामुन और समोसा भी मिलता है.खुरचन को दूध से तैयार किया जाता है. जमे दूध को अमावट की तरह परत-दर-परत एक-दूसरे के ऊपर रखा जाता है. बीच में इलायची पीसकर डाला जाता है. जोखाने में काफी स्वादिष्ट होता है. 460 रुपये किलो की दर से मिलने वाली इस मिठाई की बड़ी मांग रहती है.

दूध और क्रीम से तैयार होता काली गाजर का हलवा
मक्खन मलाई, दूध और क्रीम के मिश्रण से बनाया जाता है. रात में दोनों को मिलाकर रख देते हैं. सुबह मथकर चीनी आदि मिलाया जाता है. खाने में स्वादिष्ट व सुपाच्य होती है. मक्खन मलाई और काली गाजर का हलवा केवल शर्दियों में ही मिलता है. बताया कि उनके बड़े भाई सुशील और बेटा सत्यम भी काम में हाथ बंटाते हैं.

Tags: Allahabad news, Food business, Food Recipe, Prayagraj News, UP news

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