देश के कई हिस्सों में हाल के दिनों में बीफ विवाद को लेकर हुई हिंसा के बाद जहां गायों को एक वर्ग और धर्म विशेष से जोड़कर उसे साम्प्रदायिक रुप दिया जा रहा है. वहीं डिफेन्स रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट आर्गेनाइजेशन से रिटायर्ड रक्षा वैज्ञानिक डॉ मोहम्मद आरिफ गौ पालन के जरिए साम्प्रदायिक सौहार्द बढ़ाने की कोशिशों में लगे हैं.
गौ पालन के जरिए डॉ मोहम्मद आरिफ न केवल लोगों को गाय के महत्व और उससे होने वाले फायदे को बता रहे हैं. बल्कि लोगों को गौ पालन के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं.
वैज्ञानिक डॉ मोहम्मद आरिफ का गांव चांदपुर गणेशपुर इलाहाबाद से करीब तीस किलोमीटर दूर लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंसूराबाद कस्बे के पास स्थित है. रिटायरमेन्ट के बाद डॉ मोहम्मद आरिफ ने अपने गांव में ही गौ पालन शुरु कर दिया.
उनकी गौशाला में आधी दर्जन गायें हैं. उनके मुताबिक पवित्र कुरान में भी गाय के दूध और घी को सेहतमंद बताया गया है. डॉ आरिफ कहते हैं कि गाय के दूध और घी के साथ ही गौ पालन से कई अन्य फायदे भी हैं.
जैसे गाय के गोबर से हमें जैविक खाद मिलती है. इसके साथ ही गाय का दूध कोलेस्ट्राल फ्री भी होता है. जो कि रोजेदारों के इफ्तार के लिए भी बेहद फायदेमंद है. उनके मुताबिक रोजेदारों को भी इफ्तार में खजूर के साथ गाय का दूध का सेवन करना चाहिए. इसके साथ ही पूर्व रक्षा वैज्ञानिक डॉ आरिफ गौ पालन को लेकर लोगों को जागरुक भी कर रहे हैं.
गांव में उनके इस सराहनीय कार्य की लोगों के बीच खासी चर्चा है. मुस्लिम होते हुए गायों के प्रति उनके समर्पण और सेवा भाव को देखकर गांव के लोग भी उनसे खासे प्रभावित हैं. डॉ आरिफ के बचपन के मित्र भुवनेश्वर सिंह भी उनके गाय प्रेम को समाज के लिए सकारात्मक संकेत मानते हैं.
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