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Shaheed Diwas: कमरा नंबर 8-जहां एक रात रुके Bhagat Singh, अंग्रेजों के खिलाफ बनाई स्कीम.. चौंकाने वाली कहानी

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से भगत सिंह के खास रिश्ते की रोचक कहानी जानिए.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से भगत सिंह के खास रिश्ते की रोचक कहानी जानिए.

ऑक्सफोर्ड ऑफ ईस्ट कही जाने वाली इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हाॅलैंड हाॅल छात्रावास का कमरा नंबर आठ दशकों तक कई छात्र नेताओं ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

कामरेड अजय घोष की चर्चित किताब में है यह पूरा किस्सा
भगत सिंह की यादें संजोए हाॅस्टल का नाम बदलने की हुई थी कोशिश, विरोध में उतरे थे छात्र

रिपोर्ट : अमित सिंह

प्रयागराज. शहीदे आज़म कहे जाने वाले क्रांतिकारी भगत  सिंह का गहरा नाता इलाहाबाद विश्वविद्यालय से रहा. आजादी के लिए संघर्ष के दौर में विश्वविद्यालय के हॉलैंड छात्रावास में एक रात के लिए वह यहां रुके थे. यहां भगत सिंह ने अपने साथियों के साथ अंग्रेजों के खिलाफ कई नीतियों पर चर्चाएं भी की थीं. हाॅलैंड हॉल छात्रावास का कमरा नंबर आठ आज भी भगत सिंह की यादों को समेटे हुए है. अब भी विश्वविद्यालय इस कमरे को किसी छात्र को अलॉट करता है, तो यहां गरिमा बनाए रखने की हिदायत और आग्रह किया जाता है.

इस कमरा नंबर 8 में रहे कामरेड अजय घोष की एक चर्चित किताब रही है ‘संस्मृतियां’. इसमें उन्होंने उस रात की घटना का बखूबी उल्लेख किया है जब भगत सिंह ने उनके इस कमरे का दरवाजा खटखटाया था और यहां रुकने का आग्रह किया था. बकौल अजय घोष ‘वर्ष 1928 में एक शाम एक नौजवान मेरे कमरे में आया. मैंने उसे करीब से देखा तो पाया कि वह भगत सिंह थे. भगत सिंह भीतर आए और फिर पूरी रात हम नई-नई योजनाओं पर चर्चा करते रहे और भोर होने से पहले ही दोनों चंद्रशेखर आजाद से मिलने कानपुर के लिए रवाना हो गए थे.’

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अजय ने बांग्ला में प्रकाशित पुस्तक में इसका उल्लेख किया है, जिसका हिन्दी रूपांतरण ‘संस्मृतियां’ नाम से उपलब्ध रहा है. असल में आजादी की लड़ाई के समय में कई योजनाओं को अंतिम स्वरूप देने के लिए कई क्रांतिकारी युवाओं का समूह समय समय पर यहां पर आता था. मुख्य बात थी बिना बताए आना और बिना बताए निकल जाना. क्रांतिकारी गतिविधियों का आचरण इसी तरह का बन गया था और उनका  केंद्र एक तरह से यही हाॅलैंड हाॅल रहा.

जब सांसद ने हाॅस्टल का नाम बदलना चाहा…

सांसद विनोद सोनकर की ओर से हॉलैंड हॉल हॉस्टल का नाम बदले जाने की मांग उठी थी लेकिन हॉस्टल के पुराने छात्रों ने ऐतराज जताया था. किसी भी कीमत पर नाम बदलने न देने पर अड़े “हॉलैंड हॉल पुराछात्र एसोसिएशन” के सचिव सुधीर सिंह कहते हैं इस हॉस्टल की यादें शहीदे आजम भगत सिंह के साथ भी जुड़ी हैं, जो स्वाधीनता संघर्ष के दौर में यहां आते थे. कई दस्तावेजों में इस स्थान का नाम ऐतिहासिकता के साथ दर्ज है. यह नाम इस हाॅस्टल की विरासत के साथ जुड़ा है. इससे छेड़छाड़ ठीक नहीं है.

Tags: Allahabad university, Bhagat Singh, Prayagraj News, Shaheed Divas

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