UP शिक्षक भर्ती: हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करने पर बेसिक शिक्षा के विशेष सचिव को नोटिस, HC ने मांगा जवाब

इलाहाबाद हाई कोर्ट
UP Assistant Teachers Recruitment 2018: कोर्ट ने विशेष सचिव को आदेश का पालन नहीं करने को लेकर व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: December 15, 2020, 2:07 PM IST
प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने सहायक अध्यापक भर्ती 2018 (UP Assistant Teachers Recruitment 2018) के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के आदेश का पालन न होने पर कड़ा रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने अदालत के आदेश का अनुपालन न करने पर विशेष सचिव अनुभाग पांच बेसिक शिक्षा मनीष वर्मा को अवमानना नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने विशेष सचिव अनुभाग पांच बेसिक शिक्षा मनीष वर्मा को आदेश का अनुपालन करने का एक और अवसर दिया है. हांलाकि कोर्ट ने आदेश का अनुपालन नहीं करने पर विशेष सचिव को व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है.
मामले को लेकर याची अंजना त्रिपाठी की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर जस्टिस विवेक कुमार बिरला की एकलपीठ ने यह आदेश दिया है. याची का कहना था कि हाईकोर्ट ने याची को 2018 की भर्ती में नियुक्ति देने पर विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया था. लेकिन अधिकारियों द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है. सरकारी वकील ने कोर्ट के जानकारी कि नियुक्ति का प्रकरण शासन में लंबित है. सरकार की ओर से दिए गए जवाब के आधार पर कोर्ट ने इस मामले में विशेष सचिव को पक्षकार बनाने का आदेश देते हुए उन्हें नोटिस जारी कर आदेश के अनुपालन का एक और मौका दिया है.
दो गलत प्रश्नों का है मामला
कोर्ट ने इस मामले में जवाब मांगते हुए कहा है कि यदि जवाब दाखिल नहीं किया जाता है तो अवमानना के आरोप निर्मित किए जाएंगे. इस दौरान आदेश के पालन का भी एक और अवसर दिया है. याचीगण का कहना है कि 22 अक्तूबर 20 को बेसिक शिक्षा विभाग को आदेश दिया था कि याचीगण को दो गलत प्रश्नों के अंक देकर संशोधित परिणाम जारी किया जाए. इस आदेश का पालन अब तक नहीं किया गया है. बेसिक शिक्षा विभाग के वकील ने बताया कि मामले को 103 अभ्यर्थियों की सूची के साथ शासन को भेज दिया गया है.
मामले को लेकर याची अंजना त्रिपाठी की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर जस्टिस विवेक कुमार बिरला की एकलपीठ ने यह आदेश दिया है. याची का कहना था कि हाईकोर्ट ने याची को 2018 की भर्ती में नियुक्ति देने पर विचार कर निर्णय लेने का निर्देश दिया था. लेकिन अधिकारियों द्वारा इस आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है. सरकारी वकील ने कोर्ट के जानकारी कि नियुक्ति का प्रकरण शासन में लंबित है. सरकार की ओर से दिए गए जवाब के आधार पर कोर्ट ने इस मामले में विशेष सचिव को पक्षकार बनाने का आदेश देते हुए उन्हें नोटिस जारी कर आदेश के अनुपालन का एक और मौका दिया है.
दो गलत प्रश्नों का है मामला
कोर्ट ने इस मामले में जवाब मांगते हुए कहा है कि यदि जवाब दाखिल नहीं किया जाता है तो अवमानना के आरोप निर्मित किए जाएंगे. इस दौरान आदेश के पालन का भी एक और अवसर दिया है. याचीगण का कहना है कि 22 अक्तूबर 20 को बेसिक शिक्षा विभाग को आदेश दिया था कि याचीगण को दो गलत प्रश्नों के अंक देकर संशोधित परिणाम जारी किया जाए. इस आदेश का पालन अब तक नहीं किया गया है. बेसिक शिक्षा विभाग के वकील ने बताया कि मामले को 103 अभ्यर्थियों की सूची के साथ शासन को भेज दिया गया है.