पराली जलाने की फाइल फोटो
रिपोर्ट : आदित्य कृष्ण
अमेठी. जिला प्रशासन ने इस बार पराली जलाने वालों से जुर्माना वसूलने के साथ-साथ उन्हें जेल भेजने का भी निर्देश दिया है. पराली जलाने से होनेवाले प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने ऐसा निर्देश दिया ताकि किसान फसल के अवशेषों को भूल कर भी न जलाएं. प्रशासन द्वारा जारी निर्देश के अनुसार खेतों में पराली को पर्यावरण के अनुकूल इस्तेमाल करने के विकल्प बताए गए हैं. जिसमें फसलों के अवशेषों को किसान खाद अथवा पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग कर सकते हैं. इससे पराली का सदुपयोग तो होगा ही, मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी और पर्यावरण को कोई नुकसान भी नहीं होगा.
जिला प्रशासन ने कहा कि पराली न जलाने के लिए एक तरफ जहां किसानों को जागरूक किया जाएगा, वहीं नियम तोड़ने वाले किसानों पर जुर्माने के साथ सजा का भी प्रावधान रखा गया है. प्रशासन के निर्देशों के अनुसार 2 एकड़ की फसल के अवशेष जलाने पर 2500 रुपए का जुर्माना, 2 से 5 एकड़ तक की जमीन पर 5 हजार रुपए और इससे अधिक के खेत में पराली जलाने पर 15 हजार रुपए जुर्माने के साथ कारावास की सजा भी हो सकती है.
इस पूरी पहल पर जिलाधिकारी राकेश मिश्रा ने बताया कि फसलों के अवशेष को जलाना मानवता के प्रति अपराध की श्रेणी में आएगा. इसलिए पर्यावरण की सुरक्षा के लिए किसानों को यह निर्देश दिया गया है. किसानों को पराली जलाने के बजाय अपने नजदीक की गोशाला पर देकर किसान खाद प्राप्त कर सकते हैं. जनपद के किसानों को जागरूक करने के लिए चारों तहसीलों में जागरूकता वाहन भी भेजे गए हैं. यदि कोई भी किसान खेतों में पराली जलाते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी.
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