बच्चों के अश्लील वीडियो बनाकर पॉर्न साइट्स को बेचने वाले JE राम भवन का प्रयागराज में मिला ‘लिंक’, जांच में जुटी CBI

सिंचाई विभाग का गिरफ्तार जेई राम भवन (File Photo)
सीबीआई (CBI) से पूछताछ में जूनियर इंजीनियर राम भवन ने बताया कि वह बच्चों को इस बारे में मुंह बंद रखने के लिए मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण देता था.
- News18Hindi
- Last Updated: November 18, 2020, 7:23 PM IST
लखनऊ/चित्रकूट. सीबीआई, नई दिल्ली की स्पेशल यूनिट ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज़ एंड एक्सप्लॉईटेशन प्रिवेंशन/इन्वेस्टिगेशन (OCSAE) ने चित्रकूट (Chitrakoot) से सिंचाई विभाग (Irrigation Department) के एक जूनियर इंजीनियर राम भवन (Junior Engineer Ram bhavan) को गिरफ्तार किया है. चाइल्ड रेप (Chil Rape) और ऑनलाइन पोर्नोग्राफी (Online Pornography) के गंभीर आरोप लगे हैं.
योगी सरकार ने किया निलंबित
सीबीआई टीम ने आरोपी राम भवन के पास से 8 लाख रुपये, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से संबंधित लैपटॉप, वेबकैम और वीडियो स्टोर करने की डिवाइस बरामद की है. उधर जेई की गिरफ्तारी के बाद योगी सरकार (Yogi Government) ने फौरन कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित (Suspend) कर दिया है. साथ ही विभागीय जांच के भी आदेश हो गए हैं.
प्रयागराज में एक शख्स से पूछताछजानकारी के अनुसार सीबीआई टीम प्रयागराज से भी एक शख्स से पूछताछ में जुटी है. सूत्रों के अनुसार इसी शख्स के पास ये जूनियर इंजीनियर वीडियो लेकर जाता था और वहीं एडिटिंग आदि करके डार्कवेब पर अपलोड करता था. मामले में अभी और गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई जा रही है.
ईमेल रिकॉर्ड से वीडियो भेजने और रक़म लेने की पुष्टि
सीबीआई के मुताबिक आरोपी ने बीते 10 सालों में बांदा, चित्रकूट में 50 से ज्यादा बच्चों का यौन शोषण किया और उनका वीडियो भी बनाया. सीबीआई के मुताबिक आरोपी ने इन वीडियो को डार्कवेब पर बेचकर काफी पैसा भी कमाया. सीबीआई के मुताबिक रामभवन ये वीडियो देश और विदेशों में कई लोगों को बेचता था. आरोपी के ईमेल रिकॉर्ड से वीडियो भेजने और रक़म लेने की पुष्टि भी हुई है. गिरफ्तारी के बाद आरोपी जूनियर इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि आरोपी जूनियर इंजीनियर चित्रकूट, बांदा और हमीरपुर जिलों में 5 से 16 साल की आयु के बच्चों को अपना शिकार बनाता था. गिरफ्तारी के बाद जूनियर इंजीनियर को जेल भेज दिया गया है. जल्द एक सक्षम अदालत में पेश किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: CBI ने यूपी सिंचाई विभाग के JE को किया गिरफ्तार, दस साल में 50 बच्चों के साथ अश्लील वीडियो बना पॉर्न साइट्स को बेचे
बच्चों को मुंह बंद करने के लिए करता था मोबाइल गिफ्ट
तलाशी के दौरान 8 मोबाइल फोन, करीब 8 लाख रुपये नकदी, सेक्स टॉय, लैपटॉप और बड़ी मात्रा में बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री के अन्य डिजिटल साक्ष्य मिले हैं. पता चला कि जूनियर इंजीनियर पिछले 10 साल से इस काम को अंजाम दे रहा था. पूछताछ में उसने बताया कि वह बच्चों को इस बारे में मुंह बंद रखने के लिए मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण देता था. इस मामले पर बांदा के एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा ने कहा कि सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता पर 377 आइपीसी पॉक्सो एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ है.
योगी सरकार ने किया निलंबित
सीबीआई टीम ने आरोपी राम भवन के पास से 8 लाख रुपये, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से संबंधित लैपटॉप, वेबकैम और वीडियो स्टोर करने की डिवाइस बरामद की है. उधर जेई की गिरफ्तारी के बाद योगी सरकार (Yogi Government) ने फौरन कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित (Suspend) कर दिया है. साथ ही विभागीय जांच के भी आदेश हो गए हैं.
प्रयागराज में एक शख्स से पूछताछजानकारी के अनुसार सीबीआई टीम प्रयागराज से भी एक शख्स से पूछताछ में जुटी है. सूत्रों के अनुसार इसी शख्स के पास ये जूनियर इंजीनियर वीडियो लेकर जाता था और वहीं एडिटिंग आदि करके डार्कवेब पर अपलोड करता था. मामले में अभी और गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई जा रही है.
ईमेल रिकॉर्ड से वीडियो भेजने और रक़म लेने की पुष्टि
सीबीआई के मुताबिक आरोपी ने बीते 10 सालों में बांदा, चित्रकूट में 50 से ज्यादा बच्चों का यौन शोषण किया और उनका वीडियो भी बनाया. सीबीआई के मुताबिक आरोपी ने इन वीडियो को डार्कवेब पर बेचकर काफी पैसा भी कमाया. सीबीआई के मुताबिक रामभवन ये वीडियो देश और विदेशों में कई लोगों को बेचता था. आरोपी के ईमेल रिकॉर्ड से वीडियो भेजने और रक़म लेने की पुष्टि भी हुई है. गिरफ्तारी के बाद आरोपी जूनियर इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि आरोपी जूनियर इंजीनियर चित्रकूट, बांदा और हमीरपुर जिलों में 5 से 16 साल की आयु के बच्चों को अपना शिकार बनाता था. गिरफ्तारी के बाद जूनियर इंजीनियर को जेल भेज दिया गया है. जल्द एक सक्षम अदालत में पेश किया जा सकता है.
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बच्चों को मुंह बंद करने के लिए करता था मोबाइल गिफ्ट
तलाशी के दौरान 8 मोबाइल फोन, करीब 8 लाख रुपये नकदी, सेक्स टॉय, लैपटॉप और बड़ी मात्रा में बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री के अन्य डिजिटल साक्ष्य मिले हैं. पता चला कि जूनियर इंजीनियर पिछले 10 साल से इस काम को अंजाम दे रहा था. पूछताछ में उसने बताया कि वह बच्चों को इस बारे में मुंह बंद रखने के लिए मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण देता था. इस मामले पर बांदा के एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा ने कहा कि सिंचाई विभाग के कनिष्ठ अभियंता पर 377 आइपीसी पॉक्सो एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ है.