राजपथ पर पहली बार 'राम मंदिर' की झांकी होगी, अयोध्या के संत समाज ने की प्रशंसा

राजपथ पर पहली बार 'राम मंदिर' की झांकी होगी
तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास (Mahant Paramhans) ने कहा कि भारतीय संस्कृत को प्रतिष्ठित करने का सराहनीय कदम है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: January 9, 2021, 8:08 PM IST
अयोध्या. रामनगरी अयोध्या (Ayodhya) की भव्य रामलीला को इस बार दुनिया भर में लोगों ने देखा. अब यही रामलीला और दीपोत्सव जल्द ही राजपथ पर दिखाई देने वाली है. पहली बार गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर रामलीला का मंचन उत्तर प्रदेश की ओर से प्रस्तुत की जा रही झांकी में दिखाई जाएगी. दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर अयोध्या के नाम से झांकी निकलेगी. इस बार राजपथ पर होने वाली परेड में राम मंदिर की झांकी मुख्य आकर्षण का केंद्र होगी. इसको लेकर अयोध्या के संतों में भी उत्साह है. उनका मानना है कि इस कार्य से भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में प्रतिष्ठित होगी. संतो ने प्रधानमंत्री के इस कदम की भूरी- भूरी प्रशंसा की है.
उन्होंने कहा यह रामराज्य का श्रीगणेश है, भारत को विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित करने का यह सराहनीय कदम है. राम जन्म भूमि के प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि राम मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. गणतंत्र दिवस के मौके पर भगवान राम के मंदिर उनके स्वरूप की झांकी बेहद महत्वपूर्ण होगी तो वहीं तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि भारतीय संस्कृत को प्रतिष्ठित करने का सराहनीय कदम है. यह रामराज्य का श्रीगणेश है और भारत को विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित करने का सराहनीय कदम है.
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अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत ही खुशी की बात है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ की परेड में प्रभु राम की झांकी दिखेगी. यह निर्णय करके प्रधानमंत्री ने देश की संस्कृति और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम जन-जन में अपने चरित्र के माध्यम से समाज को संदेश देने का काम किया है. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि यह बहुत ही प्रसन्नता का विषय है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड में अयोध्या की झांकी को स्थान मिला है.
उन्होंने कहा यह रामराज्य का श्रीगणेश है, भारत को विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित करने का यह सराहनीय कदम है. राम जन्म भूमि के प्रधान पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि राम मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. गणतंत्र दिवस के मौके पर भगवान राम के मंदिर उनके स्वरूप की झांकी बेहद महत्वपूर्ण होगी तो वहीं तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि भारतीय संस्कृत को प्रतिष्ठित करने का सराहनीय कदम है. यह रामराज्य का श्रीगणेश है और भारत को विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित करने का सराहनीय कदम है.
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अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत ही खुशी की बात है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ की परेड में प्रभु राम की झांकी दिखेगी. यह निर्णय करके प्रधानमंत्री ने देश की संस्कृति और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम जन-जन में अपने चरित्र के माध्यम से समाज को संदेश देने का काम किया है. रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि यह बहुत ही प्रसन्नता का विषय है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड में अयोध्या की झांकी को स्थान मिला है.