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अयोध्या के इस मंदिर की अजब परंपरा, भगवान को लगता है हरे चने का भोग; बिना दर्शन राम नगरी की यात्रा अधूरी!

Matgajendra Mandir Ayodhya: हर वर्ष बुढ़वा मंगलवार को विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है. भगवान मत गजेंद्र को हरे चने क ...अधिक पढ़ें

    रिपोर्ट- सर्वेश श्रीवास्तव

    अयोध्या. मठ-मंदिरों की नगरी रामनगरी अपनी अलग परंपराओं और अपनी अलग मान्यताओं को लेकर विश्व प्रसिद्ध है. उन्हीं मान्यताओं में से एक मान्यता होली के बाद पड़ने वाले पहले मंगलवार को लेकर है, जिसे रामनगरी के वासी बुढ़वा मंगलवार का नाम देते हैं. इस बुढ़वा मंगलवार की धार्मिक मान्यता राम जन्मभूमि से मात्र 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित भगवान मत गजेंद्र मंदिर से जुड़ी हुई है. जहां हर वर्ष बुढ़वा मंगलवार को विशेष उत्सव का आयोजन किया जाता है. भगवान मत गजेंद्र को हरे चने का भोग लगाया जाता है. उसके बाद भक्तों को वितरित किया जाता है.

    न्यूज़ 18 लोकल से बात करते हुए मत गजेंद्र मंदिर के पुजारी नरहरी दास बताते हैं कि जब भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे, तो उनके साथ वानर सेना समेत विभीषण और उनके पुत्र मत गजेंद्र भी अयोध्या आए थे. अयोध्या से लंका लौटते समय विभीषण अपने बेटे मत गजेंद्र को भगवान राम की सेवा में अयोध्या छोड़ कर चले गए. जब तक अयोध्या में प्रभु राम रहे तब तक पवन पुत्र हनुमान और मत गजेंद्र राम की सेवा में लगे रहे. उसके बाद जब भगवान राम गुप्तार घाट में जाकर गुप्त हुए तब हनुमान को अयोध्या का राजा और मत गजेंद्र को अयोध्या का कोतवाल बनाया. साथ ही साथ प्रभु श्रीराम ने मत गजेंद्र को आशीर्वाद भी दिया था कि जो भी श्रद्धालु अयोध्या आएंगे, वह अगर आपका दर्शन पूजन किए बिना चले गए, तो उनकी यात्रा पूरी नहीं होगी.

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    कच्चे चने का लगता है भोग
    पौराणिक मान्यता के मुताबिक, प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्तों में से एक मत गजेंद्र का भी नाम है. ऐसी भी मान्यता है कि रामनगरी में पहले जो भी नया कोतवाल आता था वो आशीर्वाद लेने के लिए मत गजेंद्र मंदिर जरूर जाता था. हालांकि धीरे-धीरे ये परंपरा लुप्त हो गई है. वहीं, भगवान और भक्त के साथ की होली परंपरा पूरी होने के बाद पड़ने वाले पहले मंगलवार को बुढ़वा मंगलवार का दर्जा देकर अयोध्यावासियों समेत देश-प्रदेश के श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए मत गजेंद्र मंदिर पहुंचते हैं. इस दिन भगवान मत गजेंद्र जी को कच्चे चने का भोग लगाया जाता है और उसके बाद भक्तों में वितरित किया जाता है.

    मत गजेंद्र के दर्शन से सफल होगी आराधना
    वहीं, मत गजेंद्र मंदिर पहुंची श्रद्धालु मीना दुबे बताती हैं कि भगवान मत गजेंद्र का दर्शन-पूजन करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं होती हैं. वहीं, दूसरी तरफ श्रद्धालु अमरावती दुबे बताती हैं कि होली के बाद पड़ने वाले पहले मंगलवार को भगवान मत गजेंद्र के मंदिर में विधि-विधान पूर्वक उत्सव मनाया जाता है और भगवान को चने का भोग लगाया जाता है. जिसकी जो मन्नत रहती है वह पूरी होती है. साथ ही बताया की ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु अयोध्या आता है वह भले ही हर मठ-मंदिर में दर्शन कर ले, लेकिन यदि भगवान मत गजेंद्र का दर्शन नहीं किया तो उसको पुण्य की प्राप्ति नहीं होगी.

    Tags: Ayodhya News, Lord Ram, Ram Mandir ayodhya

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