Ayodhya: लावारिस लाशों के 'मसीहा' पद्मश्री मो शरीफ को आज अपने इलाज के लिए मदद का इंतजार

अयोध्या: पद्मश्री के लिए नामित मोहम्मद शरीफ आज गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं.
Ayodhya News: अयोध्या के मशहूर समाजसेवी और लावारिस लाशों के 'मसीहा' कहे जाने वाले मोहम्मद शरीफ (Mohammad Shareef) अस्वस्थ हैं. उनके परिवार के पास इलाज के पैसे नहीं है. वह स्थानीय बीजेपी सांसद और जिला प्रशासन से मदद के इंतजार में हैं.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: February 23, 2021, 2:42 PM IST
अयोध्या. उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में मशहूर समाजसेवी और लावारिस लाशों के 'मसीहा' कहे जाने वाले मोहम्मद शरीफ (Mohammad Shareef) अस्वस्थ हैं. ये जानकारी भाजपा के मीडिया प्रभारी डॉ रजनीश सिंह ने प्रधानमंत्री कार्यालय को दी है. डॉ रजनीश सिंह के मुताबिक प्रधानमंत्री कार्यालय ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही मोहम्मद शरीफ को पेंशन व आवास उपलब्ध कराया जाएगा. उधर मोहम्मद शरीफ के हार्ट की समस्या को देखते हुए अयोध्या जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने लखनऊ केजीएमसी रेफर कर दिया है. अयोध्या जिला अस्पताल में ना तो हार्ट के डॉक्टर हैं और ना ही जांच की सुविधा है. इसे देखते हुए पद्मश्री मोहम्मद शरीफ को उनके परिजन जिला अस्पताल से डिस्चार्ज कराकर घर ले आए हैं. अब स्थानीय सांसद लल्लू सिंह व जिला प्रशासन के रहमों-करम का इंतजार है कि उन्हें लखनऊ ले जाया जाए या फिर अयोध्या में ही किसी प्राइवेट हार्ट केयर सेंटर में उनका इलाज कराया जाए.
अयोध्या में लावारिश लाशों के मसीहा माने जाने वाले पद्मश्री मोहम्मद शरीफ चचा की तबियत पिछले 5 माह से खराब चल रही है. आर्थिक तंगी की वजह से सही इलाज नहीं हो पा रहा है. जिसकी वजह से 5 दिन पहले पद्मश्री मोहम्मद शरीफ की तबियत और ज्यादा खराब हो गई. पद्मश्री मोहम्मद शरीफ 85 वर्ष के हैं. वह पिछले 30 वर्षों से लावारिश लाशों के अंतिम संस्कार का काम करते हैं. इनको लावारिश लाशों के मसीहा माना जाता है.
28 साल पहले बेटे की मौत के बाद लावारिस लाशों का उठाया जिम्मा
दरअसल 28 साल पहले मोहमद शरीफ के बड़े बेटे मोहम्मद रईस की मौत एक हादसे में हुई थी. उनका अंतिम संस्कार पुलिस ने लावारिश जान कर किया था. तभी से मुहम्मद शरीफ चचा हर लावारिस लाश का अंतिम संस्कार उसके धर्म के अनुसार करते चले आ रहे हैं. इनके इस सामाजिक जीवन को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2019 में पद्मश्री एवार्ड देने की घोषणा की थी. लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना काल की वजह से इनको पद्मश्री का एवार्ड नहीं मिल सका.परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं
मोहम्मद शरीफ पेशे से साइकिल मिस्त्री हैं. आर्थिक हालात ठीक नहीं है. आज इनकी तबियत खराब है. इनके तीन में से दो बेटे मोहम्मद सगीर और मोहम्मद अशरफ इनका इलाज विगत 5 माह से करवा रहे हैं. दोनों बेटे में से मोहम्मद अशरफ बाइक मैकेनिक हैं और दूसरा बेटा मोहम्मद सगीर प्राइवेट ड्राइवर है. दोनो की आमदनी ज्यादा नहीं है. बेटे मोहम्मद शरीफ का कहना है कि 5 माह से उनकी तबियत ठीक नहीं है. किसी तरह इलाज करवाया जा रहा है. अभी तक इनको पद्मश्री एवार्ड भी नहीं दिया गया है. रहने के लिए इनका खुद का घर नहीं है. एक छोटा से किराया का घर है. जिसमें परिवार के 20 सदस्य रहते हैं. उनका कहना है कि सरकार आर्थिक मदद के साथ घर उपलब्ध करवा दें.
बेटों को सांसद और जिला प्रशासन की मदद का इंतजार
जिला अस्पताल के डॉक्टर वीरेंद्र वर्मा का कहना है कि पद्मश्री मो शरीफ चचा के पेट में सूजन व हार्ट की समस्या है. उनकी जांच के लिए लखनऊ केजीएमसी रेफर किया गया है ताकि उनकी बेहतर जांच हो सके और इलाज हो सके. वहीं दूसरी तरफ मोहम्मद शरीफ के बेटे मोहम्मद अशरफ का कहना है कि सांसद लल्लू सिंह उनके वालिद को देखने आए थे और आश्वासन दिया है कि उनका इलाज बेहतर कराया जाएगा. अब लल्लू सिंह व जिला प्रशासन का इंतजार है.
अयोध्या में लावारिश लाशों के मसीहा माने जाने वाले पद्मश्री मोहम्मद शरीफ चचा की तबियत पिछले 5 माह से खराब चल रही है. आर्थिक तंगी की वजह से सही इलाज नहीं हो पा रहा है. जिसकी वजह से 5 दिन पहले पद्मश्री मोहम्मद शरीफ की तबियत और ज्यादा खराब हो गई. पद्मश्री मोहम्मद शरीफ 85 वर्ष के हैं. वह पिछले 30 वर्षों से लावारिश लाशों के अंतिम संस्कार का काम करते हैं. इनको लावारिश लाशों के मसीहा माना जाता है.
28 साल पहले बेटे की मौत के बाद लावारिस लाशों का उठाया जिम्मा
दरअसल 28 साल पहले मोहमद शरीफ के बड़े बेटे मोहम्मद रईस की मौत एक हादसे में हुई थी. उनका अंतिम संस्कार पुलिस ने लावारिश जान कर किया था. तभी से मुहम्मद शरीफ चचा हर लावारिस लाश का अंतिम संस्कार उसके धर्म के अनुसार करते चले आ रहे हैं. इनके इस सामाजिक जीवन को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2019 में पद्मश्री एवार्ड देने की घोषणा की थी. लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना काल की वजह से इनको पद्मश्री का एवार्ड नहीं मिल सका.परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं
मोहम्मद शरीफ पेशे से साइकिल मिस्त्री हैं. आर्थिक हालात ठीक नहीं है. आज इनकी तबियत खराब है. इनके तीन में से दो बेटे मोहम्मद सगीर और मोहम्मद अशरफ इनका इलाज विगत 5 माह से करवा रहे हैं. दोनों बेटे में से मोहम्मद अशरफ बाइक मैकेनिक हैं और दूसरा बेटा मोहम्मद सगीर प्राइवेट ड्राइवर है. दोनो की आमदनी ज्यादा नहीं है. बेटे मोहम्मद शरीफ का कहना है कि 5 माह से उनकी तबियत ठीक नहीं है. किसी तरह इलाज करवाया जा रहा है. अभी तक इनको पद्मश्री एवार्ड भी नहीं दिया गया है. रहने के लिए इनका खुद का घर नहीं है. एक छोटा से किराया का घर है. जिसमें परिवार के 20 सदस्य रहते हैं. उनका कहना है कि सरकार आर्थिक मदद के साथ घर उपलब्ध करवा दें.
बेटों को सांसद और जिला प्रशासन की मदद का इंतजार
जिला अस्पताल के डॉक्टर वीरेंद्र वर्मा का कहना है कि पद्मश्री मो शरीफ चचा के पेट में सूजन व हार्ट की समस्या है. उनकी जांच के लिए लखनऊ केजीएमसी रेफर किया गया है ताकि उनकी बेहतर जांच हो सके और इलाज हो सके. वहीं दूसरी तरफ मोहम्मद शरीफ के बेटे मोहम्मद अशरफ का कहना है कि सांसद लल्लू सिंह उनके वालिद को देखने आए थे और आश्वासन दिया है कि उनका इलाज बेहतर कराया जाएगा. अब लल्लू सिंह व जिला प्रशासन का इंतजार है.