सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या. प्रदेश की योगी सरकार भले ही दावा करती हो कि, उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य महकमा चुस्त-दुरुस्त है. लेकिन हकीकत तो यह है कि, सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए मरीज दर-दर भटक रहे हैं. राम नगरी अयोध्या में जिला अस्पताल हो या फिर श्री राम अस्पताल हो दोनों अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट ना होने की वजह से मरीजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल विकास की गोद में झूल रही अयोध्या में अब अल्ट्रासाउंड जांच को लेकर संकट गहरा गया है. महिलाओं के प्रसव संबंधी इलाज के लिए तो जिला महिला अस्पताल में सेवाएं चल रही हैं. लेकिन पुरुषों को जांच के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि जिला अस्पताल में तैनात एक मात्र रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर विष्णु कांत ओझा रिटायर हो गए हैं. उनकी जगह शासन की ओर से कोई तैनाती नहीं की गई है.
3 पद हैं लेकिन तीनों खाली
गौरतलब है कि, अयोध्या जिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के 3 पद हैं. लेकिन मौजूदा हालात ऐसे हो गए हैं कि, यहां एक भी रेडियोलॉजिस्ट नहीं है. साथ ही दो अन्य जिला स्तरीय अस्पतालों में पहले से ही रेडियोलॉजिस्ट न होने से जांच ठप है. वैसे तो जिले के मरीजों को बेहतर इलाज व जांच के लिए मेडिकल कॉलेज के अलावा जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, श्रीराम अस्पताल और कई सरकारी अस्पताल हैं लेकिन अल्ट्रासाउंड का अभाव है.इसी बीच रेडियोलॉजिस्ट ना होने के कारण अब जिला अस्पताल में भी अल्ट्रासाउंड बंद हो गया है. वहीं NEWS 18 LOCAL से बात करते हुए जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ सीबीएन त्रिपाठी बताते हैं कि, एक ही रेडियोलॉजिस्ट थे जो रिटायर हो गए हैं. विकल्प के तौर पर जिला महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराया जा सकता है. लेकिन असली समस्या यह है कि भीड़ या किसी इमरजेंसी हालात में क्या होगा.
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