azamgarh news: उत्तर प्रदेश के आजमढ़ जनपद के लालबिहारी मृतक की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के आजमढ़ जनपद के मुबारकपुर के अमिलो गांव के रहने वाले लालबिहारी मृतक की हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने 25 करोड रुपए के मुआवजे की याचिका को खारिज कर दिया है. इस बीच हाइकोर्ट के फैसले पर लालबिहारी मृतक ने दावा किया कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर करेंगे. उन्होने कहा कि उन्हे संविधान व कोर्ट पर पूरा भरोसा है.
बता दें कि आजमगढ़ जिले के सदर तहसील के मुबारकपुर थाना क्षेत्र के अमिलों गांव के रहने वाले मृतक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व याची लाल बिहारी ‘मृतक’ का कहना था कि 1976 में रिश्तेदारों ने जमीन कब्जाने के लिए अधिकारियों से साठगांठ कर उन्हें मृतक घोषित करवा दिया था. रिकॉर्डों में वह 18 साल मृतक दर्ज था. 30 जून 1994 को प्रशासन ने जीवित माना. याची ने इस कृत्य के लिए 25 करोड़ मुआवजा सरकार से दिलाने की मांग न्यायालय से की थी, लेकिन अब हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ‘मृतक’ के नाम से चर्चित लाल बिहारी पर 10 हजार रुपये हर्जाना लगा दिया है.
कोर्ट ने कहा कि याची के मामले में सच तक पहुंचने में काफी वक्त बर्बाद हुआ है और ये सब इसलिए क्योंकि याची का कहना था कि उसे राज्य सरकार ने मृतक घोषित किया हुआ था जबकि सरकार ने कभी भी याची को मृतक घोषित नहीं किया था. उन्हें ‘भूत या घोस्ट’ कहकर संबोधित करने का भी कोई साक्ष्य नहीं है.
लालबिहारी मृतक का कहना है कि उनको राजस्व विभाग में जिंदा होने में 18 वर्ष का समय बर्बाद किए थे. इसी को लेकर वे हाईकोर्ट में 25 करोड़ रुपए के मानहानि किए थे लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया है. अब वे अपने अधिवक्ता कृष्ण कन्हैया पाल के माध्यम से अब इस मामले को देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही अपील करेगें. उन्होने कहाकि उन्हे पूरी उम्मीद है कि उनको न्याय मिलेगा.
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