UP: MP अमर सिंह ने आखिरी Video संदेश में बोला था 'टाइगर अभी जिंदा है'

अमर सिंह ने अपने स्वर्गीय पिता की याद में उनकी संपत्ति सेवा भारती के नाम पर किया था. (News18 क्रिएटिव)
एक जमाना था जब समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह (Mulayam Singh) उन पर बहुत भरोसा करते थे लेकिन पार्टी की बागडोर अखिलेश के हाथों में आने के साथ ही अमर को किनारे कर दिया गया.
- News18Hindi
- Last Updated: August 1, 2020, 8:04 PM IST
आजमगढ़. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ (Azamgarh) जिले के मूल निवासी राज्यसभा सांसद अमर सिंह (Amar Singh) का निधन हो गया है. वह लगभग 6 महीने से बीमार चल रहे थे. सिंगापुर में इलाज के दौरान अमर सिंह शनिवार दोपहर जिंदगी की जंग हार गए. अमर सिंह पिछले 7 महीने से सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती थे. दरइसल मार्च में उनके निधन की अफवाह उड़ी थी जिस पर उन्होंने अफवाहबाजों को करारा जवाब देते हुए वीडियो रिलीज किया था और कहा था कि 'टाइगर अभी जिंदा है.
वीडियो जारी कर अपने चिर परिचित अंदाज में अमर सिंह ने कहा था, 'सिंगापुर से मैं अमर सिंह बोल रहा हूं. मैं बीमार हूं, त्रस्त हूं लेकिन संत्रस्त (डरा) नहीं हूं. हिम्मत बाकी है, जोश बाकी है, होश भी बाकी है. हमारे शुभचिंतक और मित्रों ने ये अफवाह बहुत तेजी से फैलाई कि मुझे यमराज ने अपने पास बुला लिया है. यह बिल्कुल भी सच नहीं है। मेरा इलाज चल रहा है.' उन्होंने आगे कहा था कि 'मां भगवती की इच्छा हुई तो अपनी शल्य चिकित्सा के उपरांत शीघ्र-अतिशीघ्र वापस लौटूंगा. मैं जैसा भी हूं... अच्छा हूं, बुरा हूं... आपका हूं। मैंने अपनी चिरपरिचित शैली, प्रथा और परंपरा के अनुकूल जीवन जिया है, इसी तरह आगे भी जीता रहूंगा.'
कभी मुलायम सिंह के खामसखास थे
एक जमाना था जब समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह उन पर बहुत भरोसा करते थे लेकिन पार्टी की बागडोर अखिलेश के हाथों में आने के साथ ही अमर को किनारे कर दिया गया. हालांकि एक समय ऐसा था जब अमर सिंह को पार्टी के लिए उपयुक्त माना जाता था. नेटवर्किंग से लेकर तमाम अहम जिम्मेदारियों का दारोमदार उनके कंधों पर था. 90 के दशक के आखिर में अमर सिंह को उत्तर प्रदेश में शुगर लॉबी का असरदार आदमी माना जाता था. इसी सिलसिले में उनकी तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम से करीबी बढ़ी. वर्ष 1996 के आसपास वो समाजवादी पार्टी में शामिल हुए. फिर जल्दी ही पार्टी के महासचिव बना दिये गए. वो ताकतवर होते गए. कहा जाने लगा था कि मुलायम कोई भी काम बगैर उनके पूछे नहीं करते.
वीडियो जारी कर अपने चिर परिचित अंदाज में अमर सिंह ने कहा था, 'सिंगापुर से मैं अमर सिंह बोल रहा हूं. मैं बीमार हूं, त्रस्त हूं लेकिन संत्रस्त (डरा) नहीं हूं. हिम्मत बाकी है, जोश बाकी है, होश भी बाकी है. हमारे शुभचिंतक और मित्रों ने ये अफवाह बहुत तेजी से फैलाई कि मुझे यमराज ने अपने पास बुला लिया है. यह बिल्कुल भी सच नहीं है। मेरा इलाज चल रहा है.' उन्होंने आगे कहा था कि 'मां भगवती की इच्छा हुई तो अपनी शल्य चिकित्सा के उपरांत शीघ्र-अतिशीघ्र वापस लौटूंगा. मैं जैसा भी हूं... अच्छा हूं, बुरा हूं... आपका हूं। मैंने अपनी चिरपरिचित शैली, प्रथा और परंपरा के अनुकूल जीवन जिया है, इसी तरह आगे भी जीता रहूंगा.'
अमर सिंह ने कहा था कि पहले के मुकाबले इस बार तो बिल्कुल स्वस्थ हूं, बिल्कुल सचेतन हूं. डॉक्टरों का कहना है कि मेरा मस्तिष्क किसी 10 साल के बच्चे से भी ज्यादा उर्वरक है. हमारे जो भी शुभेच्छु मेरी मौत की खबर फैला रहे हैं. उन्हें कोटि-कोटि धन्यवाद.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करके कहा कि वरिष्ठ नेता एवं सांसद श्री अमर सिंह के निधन के समाचार से दुःख की अनुभूति हुई है. सार्वजनिक जीवन के दौरान उनकी सभी दलों में मित्रता थी. स्वभाव से विनोदी और हमेशा ऊर्जावान रहने वाले अमर सिंहजी को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें. उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएँ.Tiger Zinda Hai!! pic.twitter.com/YWm3Sb0Yuw
— Amar Singh (@AmarSinghTweets) March 2, 2020
वरिष्ठ नेता एवं सांसद श्री अमर सिंह के निधन के समाचार से दुःख की अनुभूति हुई है। सार्वजनिक जीवन के दौरान उनकी सभी दलों में मित्रता थी।
स्वभाव से विनोदी और हमेशा ऊर्जावान रहने वाले अमर सिंहजी को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें। उनके शोकाकुल परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएँ।— Rajnath Singh (@rajnathsingh) August 1, 2020
कभी मुलायम सिंह के खामसखास थे
एक जमाना था जब समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह उन पर बहुत भरोसा करते थे लेकिन पार्टी की बागडोर अखिलेश के हाथों में आने के साथ ही अमर को किनारे कर दिया गया. हालांकि एक समय ऐसा था जब अमर सिंह को पार्टी के लिए उपयुक्त माना जाता था. नेटवर्किंग से लेकर तमाम अहम जिम्मेदारियों का दारोमदार उनके कंधों पर था. 90 के दशक के आखिर में अमर सिंह को उत्तर प्रदेश में शुगर लॉबी का असरदार आदमी माना जाता था. इसी सिलसिले में उनकी तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम से करीबी बढ़ी. वर्ष 1996 के आसपास वो समाजवादी पार्टी में शामिल हुए. फिर जल्दी ही पार्टी के महासचिव बना दिये गए. वो ताकतवर होते गए. कहा जाने लगा था कि मुलायम कोई भी काम बगैर उनके पूछे नहीं करते.