बदायूं : हजरत सुल्तान आरफीन दरगाह पर शुरू हुआ सालाना उर्स
विश्व प्रसिद्द हजरत सुल्तान आरफीन रहमतुल्ला आलेह उर्फ बड़े सरकार ,छोटे सरकार पर सालाना उर्स मनाया जा रहा है. उर्स में अकिदतमंदो का सैलाब उमड़ पड़ा है. दूरदराज से आये जायरीनों ने देश में अमन और शांति के लिए दुआ मांगी.
- ETV UP/Uttarakhand
- Last Updated: June 23, 2017, 11:18 AM IST
विश्व प्रसिद्द हजरत सुल्तान आरफीन रहमतुल्ला आलेह उर्फ बड़े सरकार ,छोटे सरकार पर सालाना उर्स मनाया जा रहा है. उर्स में अकिदतमंदो का सैलाब उमड़ पड़ा है. दूरदराज से आये जायरीनों ने देश में अमन और शांति के लिए दुआ मांगी.
बदायूं में हजरत ख्वाजा हसन शेख शाही मये ताब रोशन जमीर सुल्तान उर आरफीन साहव रहमतुल्ला आलेह ( बड़े सरकार ) की जियारत ख्याति केवल देश में ही नहीं ,विदेशो में भी है. हर साल होने वाले उर्स में लाखो लोग यहां अपने दुखों को दूर करने के लिए दुआएं मांगते हैं और अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए चिल्ला करते हैं.
यहां की मान्यता है की अजमेर शरीफ की यात्रा भी यहां हाजरी लगाए बगैर आधुरी रहती है इसलिए लोग अजमेर शरीफ की यात्रा से पहले यहां माथा टेकने आते हैं. कहा जाता है की 12वीं शताब्दी में यमन देश का एक परिवार जिसका समंध हजरत मोहमद साहब जो इस्लाम धर्म के प्रवर्तक और पैगम्वर के रूप में माने जाते हैं उनसे था जो आपने शाही ऐश्वर्य को छोड़कर कई देशो की यातनाओं को सहते हुआ बदायूं पंहुचे थे.
छोटे सरकार और बड़े सरकार की जियारत के अन्दर बन्नो बुआ की भी मजार है जिनके यहां सुहागिन औरतें अपने सुहाग की लम्बी आयु के लिए दुआए मांगती हैं.देश-विदेश के कोने से यहां हिन्दू ,मुस्लिम सिख ,ईसाई सभी धर्मो के लोग आते हैं.
बदायूं में हजरत ख्वाजा हसन शेख शाही मये ताब रोशन जमीर सुल्तान उर आरफीन साहव रहमतुल्ला आलेह ( बड़े सरकार ) की जियारत ख्याति केवल देश में ही नहीं ,विदेशो में भी है. हर साल होने वाले उर्स में लाखो लोग यहां अपने दुखों को दूर करने के लिए दुआएं मांगते हैं और अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए चिल्ला करते हैं.
यहां की मान्यता है की अजमेर शरीफ की यात्रा भी यहां हाजरी लगाए बगैर आधुरी रहती है इसलिए लोग अजमेर शरीफ की यात्रा से पहले यहां माथा टेकने आते हैं. कहा जाता है की 12वीं शताब्दी में यमन देश का एक परिवार जिसका समंध हजरत मोहमद साहब जो इस्लाम धर्म के प्रवर्तक और पैगम्वर के रूप में माने जाते हैं उनसे था जो आपने शाही ऐश्वर्य को छोड़कर कई देशो की यातनाओं को सहते हुआ बदायूं पंहुचे थे.