बदायूं गैंगरेप पीड़िता सुसाइड मामला: IG बोले-एफआईआर पर होगी कार्रवाई
मृतका की मेडिकल रिपोर्ट पर आईजी और एसएसपी के अलग-अलग बयान सामने आए. जिससे पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
बदायूं में नाबालिग गैंगरेप पीड़िता के द्वारा आत्महत्या के मामले में पुलिस के बयानों में ही विरोधाभास नजर आ रहा है. जहां मामले में बुधवार को एसएसपी अशोक कुमार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप की पुष्टि न होने की बात कही थी, वहीं घटनास्थल का मुआयना करने पहुंचे आईजी डीके ठाकुर ने रेप की एफआईआर के आधार पर कार्रवाई की बात कही.
दरअसल, बुधवार को मामले के तूल पकड़ने के बाद आईजी डीके ठाकुर मुसाझाग गांव पहुंचे थे. आईजी ठाकुर ने मामले में ग्रामीणों से बात करने के बाद मृतका की मां और भाई से भी बात की. मृतका की मां और भाई ने उनके सामने पोस्टमार्टम की बात रखी. आईजी ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम और मेडिकल रिपोर्ट का मिलान किया जाएगा. उधर, मृतका की मेडिकल रिपोर्ट पर आईजी और एसएसपी के अलग-अलग बयान सामने आए. जिससे पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
पीडिता के भाई ने आईजी को बताया कि आरोपी लंकुश के भाई ने मंगलवार को दबाव बनाते हुए समझौते की बात कही थी. उसने धमकी देते हुए कहा था कि केस वापस ले लो वरना किसी की जान जाएगी. जिसके बाद मृतका की मां ने बताया, "मैं और बेटी दोनों साथ-साथ सोए थे. उसने किसी से कोई बात नहीं की. रात में सोते समय उसने कुंडे से लटक कर आत्महत्या कर ली. जब मैंने उसे चारपाई पर देखा तो शोर मचाया. वही दरवाजे के कुण्डी से लटकी थी."
बता दें इस मामले में एसएसपी अशोक कुमार ने कहा था कि पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में कोई चोट के निशान नहीं है और न ही रेप हुआ है. जबकि आईजी ने कहा कि उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट पढ़ी है. रिपोर्ट में चोट के निशान की बात है, लेकिन प्राइवेट पार्ट्स पर नहीं है. सिम्पल इंजरी है. एफआईआर के हिसाब से ही जांच होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि मृतका का बयान भी इस केस में अहम है.आईजी डीके ठाकुर ने बताया कि पूरे प्रकरण में एफआईआर के आधार पर ही जांच कर रहे हैं. हम रेप से इनकार नहीं कर रहे, इसके उलट एसएसपी ने मेडिकल रिपोर्ट में रेप न होने की बात कहते हुए जांच करा रहे थे.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी खड़े हुए सवाल
गुरुवार को तीन डॉक्टरों के पैनल ने किशोरी का पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक किशोरी के शरीर पर कई जगह चोट के निशान पाए गए. चोटें हाथ, पैर, पीठ, जांघ, कूल्हे पर थी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चोटें भी मरने के 24 घंटे के अंदर लगी है. गैंगरेप की पुष्टि के लिए स्लाइड बनाई गई है.थानाध्यक्ष की लापरवाही आई सामने
इस मामले में थानाध्यक्ष जयप्रकाश की तरफ से बड़ी लापरवाही की बात सामने आ रही है. मृतका की मां का कहना है कि जब वे शिकायत लेकर थाने पहुंची थीं, एफआईआर दर्ज न करते हुए मामले को दबाने का प्रयास किया गया. जब थानाध्यक्ष ने बात नहीं सुनी तब एसएसपी के पास फरियाद लगाने के बाद एफआईआर दर्ज हुई.
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दरअसल, बुधवार को मामले के तूल पकड़ने के बाद आईजी डीके ठाकुर मुसाझाग गांव पहुंचे थे. आईजी ठाकुर ने मामले में ग्रामीणों से बात करने के बाद मृतका की मां और भाई से भी बात की. मृतका की मां और भाई ने उनके सामने पोस्टमार्टम की बात रखी. आईजी ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम और मेडिकल रिपोर्ट का मिलान किया जाएगा. उधर, मृतका की मेडिकल रिपोर्ट पर आईजी और एसएसपी के अलग-अलग बयान सामने आए. जिससे पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
पीडिता के भाई ने आईजी को बताया कि आरोपी लंकुश के भाई ने मंगलवार को दबाव बनाते हुए समझौते की बात कही थी. उसने धमकी देते हुए कहा था कि केस वापस ले लो वरना किसी की जान जाएगी. जिसके बाद मृतका की मां ने बताया, "मैं और बेटी दोनों साथ-साथ सोए थे. उसने किसी से कोई बात नहीं की. रात में सोते समय उसने कुंडे से लटक कर आत्महत्या कर ली. जब मैंने उसे चारपाई पर देखा तो शोर मचाया. वही दरवाजे के कुण्डी से लटकी थी."
बता दें इस मामले में एसएसपी अशोक कुमार ने कहा था कि पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में कोई चोट के निशान नहीं है और न ही रेप हुआ है. जबकि आईजी ने कहा कि उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट पढ़ी है. रिपोर्ट में चोट के निशान की बात है, लेकिन प्राइवेट पार्ट्स पर नहीं है. सिम्पल इंजरी है. एफआईआर के हिसाब से ही जांच होगी. साथ ही उन्होंने कहा कि मृतका का बयान भी इस केस में अहम है.आईजी डीके ठाकुर ने बताया कि पूरे प्रकरण में एफआईआर के आधार पर ही जांच कर रहे हैं. हम रेप से इनकार नहीं कर रहे, इसके उलट एसएसपी ने मेडिकल रिपोर्ट में रेप न होने की बात कहते हुए जांच करा रहे थे.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी खड़े हुए सवाल
गुरुवार को तीन डॉक्टरों के पैनल ने किशोरी का पोस्टमार्टम किया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक किशोरी के शरीर पर कई जगह चोट के निशान पाए गए. चोटें हाथ, पैर, पीठ, जांघ, कूल्हे पर थी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चोटें भी मरने के 24 घंटे के अंदर लगी है. गैंगरेप की पुष्टि के लिए स्लाइड बनाई गई है.
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इस मामले में थानाध्यक्ष जयप्रकाश की तरफ से बड़ी लापरवाही की बात सामने आ रही है. मृतका की मां का कहना है कि जब वे शिकायत लेकर थाने पहुंची थीं, एफआईआर दर्ज न करते हुए मामले को दबाने का प्रयास किया गया. जब थानाध्यक्ष ने बात नहीं सुनी तब एसएसपी के पास फरियाद लगाने के बाद एफआईआर दर्ज हुई.
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