यहां के किसानों के लिए तीखी नहीं मीठी साबित हो रही है शिमला मिर्च
एक ओर देश भर से फसलों में नुकसान के कारण किसानों की आत्महत्या की खबरें आती रहती हैं, वहीं दूसरी ओर बदायूं के कुछ किसानों ने अलग सब्जियों की खेती कर न केवल अपने लिए कृषि को फायदे का सौदा बना लिया वहीं दूसरी ओर सैकड़ों किसानों को कुछ अलग हटकर सब्जियों का उत्पादन करने को प्रेरित भी किया है.
- ETV UP/Uttarakhand
- Last Updated: December 29, 2017, 9:25 PM IST
एक ओर देश भर से फसलों में नुकसान के कारण किसानों की आत्महत्या की खबरें आती रहती हैं, वहीं दूसरी ओर बदायूं के कुछ किसानों ने अलग सब्जियों की खेती कर न केवल अपने लिए कृषि को फायदे का सौदा बना लिया वहीं दूसरी ओर सैकड़ों किसानों को कुछ अलग हटकर सब्जियों का उत्पादन करने को प्रेरित भी किया है.
शिमला मिर्च एक ऐसी सब्जी है जिसका प्रयोग आज के समय मे हर फास्टफूड में होता है. बदायूं के किसानों ने शिमला मिर्च की बढ़ती मांग को देखकर इसका उत्पादन शुरू किया और आज शिमला मिर्च को न केवल आस पास बल्कि दिल्ली समेत अन्य राज्यों को निर्यात भी कर रहे हैं. शिमला मिर्च का उत्पादन करने वाले किसान अब इस फसल से मुनाफा कमाकर दूसरे किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं.
कुछ समय पूर्व तक बदायूं जनपद के किसान सब्जियों में फूलगोभी, बंदगोभी, बैगन, लौकी, तोरई, भिंडी आदि सब्जियों का उत्पादन करते थे, जिसका अधिक उत्पादन होने के कारण किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता था, लेकिन कुछ किसानों ने शिमला मिर्च का उत्पादन शुरू किया और इसकी फसल का निर्यात अन्य राज्यों में कर इस फसल को अपने के लिए फायदे का सौदा बना लिया.
शिमला मिर्च की फसल तैयार होने के दो से ढाई महीने का समय लगता है और उत्पादन भी अच्छा होता है. इससे प्रेरित होकर आज बदायूं जनपद के करीब 100 गांव के किसानों ने शिमला मिर्च का उत्पादन करना शुरू कर दिया है. वही जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि यहा कि लोगों ने अपनी फसल बदली है, अब वो शिमला मिर्च की खेती से लाभ ले रहे है सरकार भी इस फसल पर अनुदान सीधे खाते में दे रही है .
शिमला मिर्च एक ऐसी सब्जी है जिसका प्रयोग आज के समय मे हर फास्टफूड में होता है. बदायूं के किसानों ने शिमला मिर्च की बढ़ती मांग को देखकर इसका उत्पादन शुरू किया और आज शिमला मिर्च को न केवल आस पास बल्कि दिल्ली समेत अन्य राज्यों को निर्यात भी कर रहे हैं. शिमला मिर्च का उत्पादन करने वाले किसान अब इस फसल से मुनाफा कमाकर दूसरे किसानों को भी प्रेरित कर रहे हैं.
कुछ समय पूर्व तक बदायूं जनपद के किसान सब्जियों में फूलगोभी, बंदगोभी, बैगन, लौकी, तोरई, भिंडी आदि सब्जियों का उत्पादन करते थे, जिसका अधिक उत्पादन होने के कारण किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता था, लेकिन कुछ किसानों ने शिमला मिर्च का उत्पादन शुरू किया और इसकी फसल का निर्यात अन्य राज्यों में कर इस फसल को अपने के लिए फायदे का सौदा बना लिया.
शिमला मिर्च की फसल तैयार होने के दो से ढाई महीने का समय लगता है और उत्पादन भी अच्छा होता है. इससे प्रेरित होकर आज बदायूं जनपद के करीब 100 गांव के किसानों ने शिमला मिर्च का उत्पादन करना शुरू कर दिया है. वही जिला उद्यान अधिकारी ने बताया कि यहा कि लोगों ने अपनी फसल बदली है, अब वो शिमला मिर्च की खेती से लाभ ले रहे है सरकार भी इस फसल पर अनुदान सीधे खाते में दे रही है .