निर्भया केस: रेपिस्ट ने कहा, लड़कियां 9 बजे के बाद निकलेंगी तो यही होगा

निर्भया रेप केस के एक दोषी ने निर्भया को ही रेप के लिए जिम्मेदार ठहराया है। तिहाड़ जेल में बंद मुकेश सिंह ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि अगर निर्भया चुप रहती, प्रतिरोध नहीं करती तो उसकी जान नहीं जाती।
निर्भया रेप केस के एक दोषी ने निर्भया को ही रेप के लिए जिम्मेदार ठहराया है। तिहाड़ जेल में बंद मुकेश सिंह ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि अगर निर्भया चुप रहती, प्रतिरोध नहीं करती तो उसकी जान नहीं जाती।
- News18
- Last Updated: March 4, 2015, 7:22 AM IST
निर्भया रेप केस के एक दोषी ने निर्भया को ही रेप के लिए जिम्मेदार ठहराया है। तिहाड़ जेल में बंद मुकेश सिंह ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि अगर निर्भया चुप रहती, प्रतिरोध नहीं करती तो उसकी जान नहीं जाती।
मुकेश सिंह ने कुतर्क देते हुए कहा है कि जो महिलाएं रात को बाहर निकलती हैं वो बदमाशों का ध्यान आकर्षित करने के लिए खुद ही जिम्मेदार होती हैं। एक लड़की अपने रेप के लिए आरोपी लड़के से कहीं ज्यादा जिम्मेदार होती है।
बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को 32 साल की निर्भया के साथ दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप हुआ था। इसके बाद पांचों ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। इन्ही में से एक मुकेश था, जो उस वक्त बस चला रहा था।
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के लिए इंटरव्यू में मुकेश ने कहा कि निर्भया और उसके दोस्त ने अगर हमसे लड़ाई नहीं की होती, तो उन्हें इस कदर नहीं पीटा जाता कि उसकी जान ही चली जाती। रेप और हत्या को एक घटना करार देते हुए मुकेश ने कहा कि जब रेप हो रहा था, तब उसे प्रतिरोध नहीं करना चाहिए था। उसे उस वक्त चुप रहना चाहिए था और हम जो कर रहे थे वो करने देना चाहिए था। अगर ऐसे होता तो हम निर्भया को कहीं पर छोड़ देते।इंटरव्यू में मुकेश ने ये भी कहा है कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। कोई शरीफ लड़की रात के 9 बजे सड़कों पर नहीं घूमती। एक लड़की अपने रेप के लिए लड़कों से ज्यादा जिम्मेदार होती है। लड़का और लड़की एकसमान नहीं है। लड़कियों का काम घर की देखभाल करना है, ना कि डिस्को और बार में जाना, गलत काम करना और गलत कपड़े पहनना। सिर्फ 20 फीसदी लड़कियां ही सही हैं।
ये इंटरव्यू बीसीसी फोर के स्टोरीविले प्रोग्राम में इस रविवार को इंटरनेशनल वूमेन्स डे पर प्रसारित होना है। इसमें महिलाओं के अधिकार और भारतीय महिलाओं के प्रति भारतीय पुरुषों के नजरिए को दिखाया जाएगा।
26 साल का मुकेश गैंगरेप की घटना के दौरान बस चला रहा था। उसने कोर्ट में निर्भया पर हमला करने की बात से इनकार किया था। लेकिन कोर्ट में उसके खिलाफ पेश अहम सबूतों के आधार पर उसे मौत की सजा सुनाई गई।
गृह मंत्रालय सख्त
उधर, गृह मंत्रालय ने इस इंटरव्यू पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। मंत्रालय ने तिहाड़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है कि कैसे रेप के दोषी के इंटरव्यू की इजाजत दी गई।
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मुकेश सिंह ने कुतर्क देते हुए कहा है कि जो महिलाएं रात को बाहर निकलती हैं वो बदमाशों का ध्यान आकर्षित करने के लिए खुद ही जिम्मेदार होती हैं। एक लड़की अपने रेप के लिए आरोपी लड़के से कहीं ज्यादा जिम्मेदार होती है।
बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को 32 साल की निर्भया के साथ दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप हुआ था। इसके बाद पांचों ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। इन्ही में से एक मुकेश था, जो उस वक्त बस चला रहा था।
ये इंटरव्यू बीसीसी फोर के स्टोरीविले प्रोग्राम में इस रविवार को इंटरनेशनल वूमेन्स डे पर प्रसारित होना है। इसमें महिलाओं के अधिकार और भारतीय महिलाओं के प्रति भारतीय पुरुषों के नजरिए को दिखाया जाएगा।
26 साल का मुकेश गैंगरेप की घटना के दौरान बस चला रहा था। उसने कोर्ट में निर्भया पर हमला करने की बात से इनकार किया था। लेकिन कोर्ट में उसके खिलाफ पेश अहम सबूतों के आधार पर उसे मौत की सजा सुनाई गई।
गृह मंत्रालय सख्त
उधर, गृह मंत्रालय ने इस इंटरव्यू पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। मंत्रालय ने तिहाड़ जेल प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है कि कैसे रेप के दोषी के इंटरव्यू की इजाजत दी गई।
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