बांदा लोकसभा क्षेत्रः दल-बदलू नेताओं के बार-बार पार्टी बदलने से गड्डमड्ड हो गया वोटर

2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि बांदा की आबादी 23,55,901 है. इसमें निर्णायक भूमिका में अनुसूचित जाति की आबादी 24.2 फीसदी है, जबकि 21 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं.
2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि बांदा की आबादी 23,55,901 है. इसमें निर्णायक भूमिका में अनुसूचित जाति की आबादी 24.2 फीसदी है, जबकि 21 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं.
- News18Hindi
- Last Updated: May 9, 2019, 2:30 PM IST
उत्तर प्रदेश में सती अनुसूइया की नगरी चित्रकूट से सटी बांदा लोकसभा सीट पर उम्मीदवारों ने बार-बार अपनी पार्टियां बदली हैं. इससे वोटरों के लिए समझना मुश्किल हुआ कि कौन किस पार्टी का नेता है? पिछली बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीतने वाले श्यामा चरण गुप्ता इस बार सपा-बसपा गठबंधन में सपा के उम्मीदवार हैं. पिछली बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े आरके सिंह पटेल इस बार बीजेपी के उम्मीदवार हैं. बाल कुमार पटेल जो पिछली बार सपा के उम्मीदवार थे, वह इस बार कांग्रेस के प्रत्याशी हैं.
श्यामा चरण गुप्ता ने 2014 आम चुनाव इलाहाबाद सीट पर बीजेपी में शामिल होकर लड़ा था. उनके पांच साल पूरे भी नहीं हुए कि वह भागकर बांदा पहुंच गए. अभी उन्होंने आधिकारिक तौर पर बीजेपी छोड़ने की घोषणा भी नहीं की थी कि गठबंधन ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. इसी स्पीड से दूसरे नेताओं ने भी पार्टियां बदली हैं.

इस चक्कर में न केवल कार्यकर्ता बल्कि वोटर भी समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें वोट दें, जिन्हें वर्षों से देते आ रहे हैं या उन्हें जो अब विरोधी हो गए हैं? जिसको हमेशा बुरा-भला कहते रहे उन्हीं का प्रचार करें या वो अब भी वह विरोधी हैं.बांदा लोकसभा चुनाव 2019 के प्रत्याशी
आम चुनाव 2019 में आरके पटेल भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं. उनका चुनाव निशान कमल है. ईवीएम में हाथी निशान नहीं दिखाई दिया. इसलिए वोटरों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई. आरके पटेल के नाम पर लोग हाथी को वोट देते आए हैं, लेकिन इस बार हाथी ने साइकिल को सपोर्ट कर दिया.
यह भी पढ़ेंः पीएम मोदी के बनारस की पड़ोसी सीट पर BJP क्यों नहीं लड़ रही है चुनाव, 2014 में 10 साल बाद खिला था कमल
इस बार श्यामा चरण गुप्ता समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं. उनका चुनाव निशान साइकिल है. श्यामा चरण इस सीट से पहले भी दो बार साइकिल निशान पर चुनाव लड़ चुके हैं. इसलिए लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई.

इसी तरह इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार बाल कुमार पटेल हैं. उनके हिस्से के कुछ वोट साइकिल को जा सकते हैं, क्योंकि वह क्षेत्र में दिग्गज सपा नेता के तौर पर स्थापित हो चुके थे. उन्होंने एक बार यहां से चुनाव जीता भी है.

बांदा लोकसभा चुनाव 2014 परिणाम
लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी के भैरो प्रसाद मिश्रा ने जीत हासिल की. उन्हें कुल 3,42,066 वोट मिले थे. इस बार उनका टिकट कट गया है, जबकि पिछले चुनाव में बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले आरके सिंह पटेल को 2,26,278 वोट मिले थे. सपा के बाल कुमार पटेल को 1,89,730 वोट और कांग्रेस के विवेक सिंह को 36,650 वोट हासिल हुए थे.
बांदा लोकसभा चुनाव समीकरण
इस सीट पर करीब 1,386,265 मतदाता हैं. इनमें 618,983 महिला और 767,282 पुरुष हैं. पांच विधानसभाओं की लोकसभा के अंतर्गत बाबेरु, नारैनी, बांदा, चित्रकूट और माणिकपुर विधानसभाएं आती हैं. फिलवक्त इन सभी पांच सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.
2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि यहां की आबादी 23,55,901 है. इसमें निर्णायक भूमिका में अनुसूचित जाति की आबादी 24.2 फीसदी है, जबकि 21 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं.
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श्यामा चरण गुप्ता ने 2014 आम चुनाव इलाहाबाद सीट पर बीजेपी में शामिल होकर लड़ा था. उनके पांच साल पूरे भी नहीं हुए कि वह भागकर बांदा पहुंच गए. अभी उन्होंने आधिकारिक तौर पर बीजेपी छोड़ने की घोषणा भी नहीं की थी कि गठबंधन ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. इसी स्पीड से दूसरे नेताओं ने भी पार्टियां बदली हैं.

सपा उम्मीदवार श्यामा चरण गुप्ता
इस चक्कर में न केवल कार्यकर्ता बल्कि वोटर भी समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें वोट दें, जिन्हें वर्षों से देते आ रहे हैं या उन्हें जो अब विरोधी हो गए हैं? जिसको हमेशा बुरा-भला कहते रहे उन्हीं का प्रचार करें या वो अब भी वह विरोधी हैं.बांदा लोकसभा चुनाव 2019 के प्रत्याशी
आम चुनाव 2019 में आरके पटेल भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हैं. उनका चुनाव निशान कमल है. ईवीएम में हाथी निशान नहीं दिखाई दिया. इसलिए वोटरों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई. आरके पटेल के नाम पर लोग हाथी को वोट देते आए हैं, लेकिन इस बार हाथी ने साइकिल को सपोर्ट कर दिया.
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इस बार श्यामा चरण गुप्ता समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं. उनका चुनाव निशान साइकिल है. श्यामा चरण इस सीट से पहले भी दो बार साइकिल निशान पर चुनाव लड़ चुके हैं. इसलिए लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई.

आरके सिंंह पटेल बीजेपी उम्मीदवार
इसी तरह इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार बाल कुमार पटेल हैं. उनके हिस्से के कुछ वोट साइकिल को जा सकते हैं, क्योंकि वह क्षेत्र में दिग्गज सपा नेता के तौर पर स्थापित हो चुके थे. उन्होंने एक बार यहां से चुनाव जीता भी है.

कांग्रेस उम्मीदवार बाल कुमार पटेल
बांदा लोकसभा चुनाव 2014 परिणाम
लोकसभा चुनाव 2014 में बीजेपी के भैरो प्रसाद मिश्रा ने जीत हासिल की. उन्हें कुल 3,42,066 वोट मिले थे. इस बार उनका टिकट कट गया है, जबकि पिछले चुनाव में बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले आरके सिंह पटेल को 2,26,278 वोट मिले थे. सपा के बाल कुमार पटेल को 1,89,730 वोट और कांग्रेस के विवेक सिंह को 36,650 वोट हासिल हुए थे.
बांदा लोकसभा चुनाव समीकरण
इस सीट पर करीब 1,386,265 मतदाता हैं. इनमें 618,983 महिला और 767,282 पुरुष हैं. पांच विधानसभाओं की लोकसभा के अंतर्गत बाबेरु, नारैनी, बांदा, चित्रकूट और माणिकपुर विधानसभाएं आती हैं. फिलवक्त इन सभी पांच सीटों पर बीजेपी का कब्जा है.
2011 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि यहां की आबादी 23,55,901 है. इसमें निर्णायक भूमिका में अनुसूचित जाति की आबादी 24.2 फीसदी है, जबकि 21 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं.
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