का निधन हो गया था. वह लगभग 93 वर्ष की थीं. उनके पति सुभानउल्लाह अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे. बसपा विधायक मुख्तार अंसारी मां के आखिरी दीदार नहीं कर सके. इसमें कानून की पाबंदी और जेल की दीवारें आड़े आ गईं. मुख्तार मां के अंतिम संस्कार (जनाजा) में शामिल नहीं हो पाए. मां के निधन से दुखी विधायक ने पूरा दिन और रात खाना नहीं खाया. इस दौरान मुलाकातियों से भी दूरी बनाए रखी.
बता दें कि मुख्तार अंसारी मऊ से बसपा विधायक हैं. मार्च 2017 में उन्हें बांदा जेल लाया गया था. तब से यहीं हैं. मां के निधन की खबर विधायक को शनिवार को सुबह मिली. उन्होंने अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए अनुमति की कोशिश की. लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट बंद होने के कारण परिजनों और समर्थकों ने एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय में अर्जी दी, लेकिन स्वीकार नहीं हो पाई. इस कारण विधायक मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने नहीं जा पाए.
प्रभारी जेल जेलर आरके सिंह ने बताया कि विधायक अंसारी ने जेल प्रशासन को अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल की अर्जी नहीं दी. यह भी पता चला है कि मां के निधन की खबर मिलने के बाद मुख्तार अंसारी सदमे में हैं. उन्होंने शनिवार की रात और रविवार दिन में भी खाना नहीं खाया.
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FIRST PUBLISHED : December 31, 2018, 11:13 IST