बांदा: NIA की टीम ने मदरसे पर मारा छापा, कश्मीरी छात्रों से पूछताछ

छापेमारी के दौरान जामिया अरबिया मदरसा की फोटो.
हालांकि जांच के दौरान टीम को कुछ खास हाथ नहीं लगा है. मौके पर एनआईए की टीम ने कश्मीरी छात्रों से पूछताछ की.
- News18Hindi
- Last Updated: March 9, 2018, 12:46 PM IST
बांदा पहुंची एनआईए की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से गुरुवार को हथौरा गांव के जामिया अरबिया मदरसा में छापा मारा. बताया जा रहा है कि बीते दिनों कश्मीर में पकड़े गए सदिग्ध के पास से मिली डायरी में मिले नाम और फोन नंबरों के आधार पर एनआईए टीम ने छापेमारी की कार्रवाई की. हालांकि जांच के दौरान टीम को कुछ खास हाथ नहीं लगा है. मौके पर एनआईए की टीम ने कश्मीरी छात्रों से पूछताछ की.
बता दें कि एनआईए के डिप्टी एसपी संत कुमार व इंस्पेक्टर एसके चौधरी बांदा से पुलिस बल लेकर जामिया अरबिया मदरसा पहुंचे. टीम के पास मदरसे के कुछ नाम और फोन नंबर थे, यह नाम उसे दिसंबर माह में कश्मीर में पकड़े गए तौफीफ नामक संदिग्ध युवक के पास से मिली डायरी से मिले थे. बताया जा रहै है कि तौफीफ यहां पढ़ने के लिए आया था. उसकी डायरी में यहां के कुछ छात्रों के नाम दर्ज थे.
एनआईए को उसके आतंकी नेटवर्क में शामिल होने का शक है. टीम ने मदरसे के दारूल तालीम छात्रावास पहुंचकर वहां रहने वाले कुछ छात्रों से जानकारी जुटाई. टीम ने छात्रावास कमरा नंबर 23 के कुछ छात्रों से पूछताछ भी की. यहां सात कश्मीरी छात्र भी पढ़ते हैं, उनसे भी कुछ जानकारी जुटाई. इसके बाद बारी-बारी से कई छात्रों और वार्डन से पूछताछ की.
एनआईए टीम ने सीसीटीवी कैमरों के बारे में भी पूछताछ, इसके अलावा मौलवियों से पढ़ाई का तरीका पूंछा. मदरसा के व्यवस्थापक मंडल के सदस्य मौलाना नजीब ने बताया कि एक युवक के बारे में टीम पड़ताल करने आई थी. वहीं पुराने रिकार्ड भी देखे हैं. उन्होंने कहा कि टीम को ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे कुछ गलत साबित हो. बांदा की एसपी शालिनी ने बताया कि एनआईए के एक डिप्टी एसपी व एक इंस्पेक्टर बांदा आए हैं और गोपनीय जांच की है.बांदा के गांव हथौरा का जामिया अरबिया मदरसा देश के प्रतिष्ठत मदरसों में एक है. इसकी स्थापना 1933 में हुई थी. इसकी पूरे देश में साख है. मौजूद समय यहां करीब 3 हजार छात्र देश विदेश के पढ़ते है.
बता दें कि एनआईए के डिप्टी एसपी संत कुमार व इंस्पेक्टर एसके चौधरी बांदा से पुलिस बल लेकर जामिया अरबिया मदरसा पहुंचे. टीम के पास मदरसे के कुछ नाम और फोन नंबर थे, यह नाम उसे दिसंबर माह में कश्मीर में पकड़े गए तौफीफ नामक संदिग्ध युवक के पास से मिली डायरी से मिले थे. बताया जा रहै है कि तौफीफ यहां पढ़ने के लिए आया था. उसकी डायरी में यहां के कुछ छात्रों के नाम दर्ज थे.
एनआईए को उसके आतंकी नेटवर्क में शामिल होने का शक है. टीम ने मदरसे के दारूल तालीम छात्रावास पहुंचकर वहां रहने वाले कुछ छात्रों से जानकारी जुटाई. टीम ने छात्रावास कमरा नंबर 23 के कुछ छात्रों से पूछताछ भी की. यहां सात कश्मीरी छात्र भी पढ़ते हैं, उनसे भी कुछ जानकारी जुटाई. इसके बाद बारी-बारी से कई छात्रों और वार्डन से पूछताछ की.
एनआईए टीम ने सीसीटीवी कैमरों के बारे में भी पूछताछ, इसके अलावा मौलवियों से पढ़ाई का तरीका पूंछा. मदरसा के व्यवस्थापक मंडल के सदस्य मौलाना नजीब ने बताया कि एक युवक के बारे में टीम पड़ताल करने आई थी. वहीं पुराने रिकार्ड भी देखे हैं. उन्होंने कहा कि टीम को ऐसा कुछ नहीं मिला जिससे कुछ गलत साबित हो. बांदा की एसपी शालिनी ने बताया कि एनआईए के एक डिप्टी एसपी व एक इंस्पेक्टर बांदा आए हैं और गोपनीय जांच की है.बांदा के गांव हथौरा का जामिया अरबिया मदरसा देश के प्रतिष्ठत मदरसों में एक है. इसकी स्थापना 1933 में हुई थी. इसकी पूरे देश में साख है. मौजूद समय यहां करीब 3 हजार छात्र देश विदेश के पढ़ते है.