बाराबंकी में वकीलों ने लोगों को गुलाब का फूल भेंटकर प्रेम के संदेश का इजहार किया.
लखनऊ. एक तरफ नागरिकता संशोधन कानून (Citizen Amendment Act) को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन और आगजनी हो रही है. दूसरी तरफ बाराबंकी (Barabanki) के वकीलों ने कचहरी में आए लोगों को गुलाब का फूल देकर प्रेम के संदेश का इजहार किया. वकीलों ने लोगों के हाथों में गुलाब का फूल देकर राष्ट्रीय एकता, अखंडता, संविधान की रक्षा, मां, बहन और बेटी की सुरक्षा और आपसी भाईचारे का संदेश दिया.
वकीलों ने लोगों को संदेश दिया कि कोई भी कानून इंसानियत से बड़ा नहीं हो सकता. कुछ लोग केंद्र सरकार के कानून को लेकर विरोध और समर्थन की राजनीति कर रहे हैं, जो कि सरासर गलत है. वकीलों का कहना है कि यह प्रदर्शन और आगजनी थमे, सभी लोग भाईचारे से रहें और उनमें प्यार बना रहे. इसी को लेकर हम लोगों को गुलाब का फूल दे रहे हैं. साथ ही उनसे अपील कर रहे हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम लोगों को अपने संबंधों में मधुरता बनाए रखनी है.
अधिवक्ता हिसाल बारी ने कहा कि कुछ दिनों से हम लोग देख रहे हैं कि सीएए को जाने बिना लोग उसके विरोध और समर्थन की राजनीति कर रहे हैं. लेकिन इस राजनीति के चक्कर में आम जनता फंस गई है. देश में जिस तरह से विरोध और आगजनी हो रही है इस सब में केवल जनता का नुकसान हो रहा है. हमारी निगाह में कानूनों के ज्यादा आपसी रिश्ते अहमियत रखते हैं.
उसी रिश्ते को लोगों को याद दिलाने के लिये हम लोग बाहर निकले हैं. उन्होंने कहा कि कचहरी में जिलेभर से लोग आते हैं, इसलिये हम कचहरी को ही सांकेतिक रूप से जिला मानकर लोगों को गुलाब दे रहे हैं और उन्हें याद दिला रहे हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए, हमें अपना भाईचारा बनाकर रखना है. वकीलों ने सीएए को लेकर हो रही हिंसा की कड़े शब्दों में निंदा की और बताया कि हिंसा से किसी भी समस्या का हल नहीं निकल सकता.
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