राजधानी लखनऊ (Lucknow) के सबसे करीबी जिला होने के नाते बाराबंकी (Barabanki) में आशियाना बनाने की होड़ सी लग गयी है और इसी का फायदा उठाने के लिए प्रॉपर्टी (Property Rates) से जुड़ी कई कम्पनियां भी यहां सक्रिय हो गयी है जो प्लाट बेचने के साथ ही घर और अपार्टमेंट भी बना कर बेंच रही हैं. अयोध्या में राम मन्दिर के निर्माण के बाद से यहां की कंपनियों के पौबारह हो गए है. जमीन की बढ़ती मांग के चलते ही यहां के किसान भी अपनी जमीनों को सोने के भाव बेंच रहें हैं. यह कहना गलत नही होगा कि जिस तरह से दिल्ली के करीब होने के नाते नोयडा की जमीनों की कीमतों को पंख लग गए ठीक उसी तरह लखनऊ और अयोध्या के करीब होने के कारण बाराबंकी की जमीनों की कीमतें भी आसमान छू रही है.
बाराबंकी जनपद प्रदेश की राजधानी का सबसे करीबी जिला है. अगर दूरी की बात करें तो बाराबंकी से लखनऊ की दूरी मात्र 15 मिनट की मानी जाती है. इस जिले को पूर्वांचल का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. राजधानी लखनऊ के करीबी होने का सबसे बड़ा असर यहां की प्रॉपर्टी पर पड़ा है. जो जमीन यहां 5 साल पहले मात्र 5 से 6 लाख रुपये बीधे की कीमत में आसानी से मिल जाती थी, वह अब 50 से 60 लाख तक पहुंच गयी है.
पूर्वांचल के लोगों के लिए यहां अपना आशियाना बनाने का एक सपना तो होता ही है. साथ ही लखनऊ के निवासी भी राजधानी छोड़ यहां अपना आशियाना बनाना चाहते है. जबसे अयोध्या में राम मन्दिर बनने की घोषणा हुई है तबसे जमीनों की मांग बढ़ गयी है. राजधानी लखनऊ की कई नामचीन कंपनियां यहां प्रॉपर्टी बेचने में सक्रिय हो गयी है. यह कंपनियां यहां प्लाट, घर और अपार्टमेंट बेचने का काम कर रही है. कोरोना की महामारी में यह काम जरूर कुछ ठप्प हो गया था मगर लॉक डाउन में ढील होने के बाद से इस काम ने फिर रफ्तार पकड़ ली है. एक बार फिर यहां प्रॉपर्टी के काम में लगी कंपनियां सक्रिय हो गयी है और एक बार फिर यहां की जमीनों की कीमतें आसमान छूने लगी है.
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FIRST PUBLISHED : March 24, 2021, 13:26 IST