बेटियों से धोखा खाए पिता के सामने खुद को जीवित साबित करने का संकट सालों से है.
रिपोर्ट – संजय यादव
बाराबंकी. एक बुजुर्ग को खुद के जीवित होने का साक्ष्य देना पड़ रहा है. सात बीघा जमीन की खातिर दो बेटियों ने अपने जीते जागते पिता को मृत घोषित करा दिया. वही अब पिता अपनी संपत्ति पाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है. यह कहानी है सत्यनारायण की, जिन्होंने अपनी जमीन के लिए नायब तहसीलदार के यहां 2006 में मुकदमा दाखिल करवाया था, जो अब भी पेंडिंग है. 2013 में तत्कालीन डीएम ने इसकी जांच कराई थी. अब पीड़ित ने मौजूदा जिलाधिकारी अविनाश कुमार से न्याय की गुहार लगाई है. जिलाधिकारी ने एसडीएम नवाबगंज को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है.
सत्यनारायण का कहना है नायब तहसीलदार के मुकदमे में अभी उन्हें जीवित नहीं माना गया है. वहीं तहसीलदार केपी सिंह का कहना है कि मुकदमे को प्राथमिकता से सुनवाई कर निस्तारित कराया जाएगा. सत्यनारायण ने नगर कोतवाली में जालसाजी का मुकदमा भी दर्ज कराया था, जो सिविल कोर्ट में पेंडिंग है. मुकदमे में तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी, लेखपाल और प्रॉपर्टी खरीदने वाले और अपनी दोनों बेटियों को नामजद किया गया था. इस मामले में ग्राम पंचायत अधिकारी जेल भी गए थे, जिनको 2 दिन बाद जमानत मिल गई थी.
बाराबंकी के सिरौली गौसपुर तहसील के ग्राम तुरकानी निवासी सत्यनारायण का विवाह बंकी ब्लॉक के ग्राम बड़ेल की सरोज कुमारी के साथ हुआ था. उनकी दो बेटियां हैं प्रीति और ज्योति सैनी. इनकी मां सरोज सैनी का 2005 में निधन हो गया था. तब कथित तौर पर प्रीति और ज्योति ने परिवार रजिस्टर की नकल में मां के साथ पिता को भी तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी फतेह बहादुर तिवारी से मिलकर मृत दर्शाया था. किसी नकल के आधार पर 23 अक्टूबर 2005 को करीब 7 बीघा जमीन की विरासत अपने नाम लेखपाल से मिलकर करवा ली थी.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Barabanki News