बरेली: NEET एग्जाम में रैंक आई कम तो MBBS एडमिशन के नाम पर ठगे 34 लाख, जानिए पूरा मामला

बरेली में एक रिटायर्ड टीचर से उनके पोते-पोती के एमबीबीएस में एडमिशन के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है.
Bareilly News: नीट (NEET) की परीक्षा में कम रैंकिंग आने के कारण एडमिशन नहीं ले पा रहे छात्र-छात्राओं को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है. ऐसे ही एक मामले मेंं बरेली के रिटायर्ड शिक्षक से 34 लाख रुपए की ठगी कर ली गई. मामले में अब एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: February 23, 2021, 4:32 PM IST
बरेली. उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) में इन दिनों ऐसे जालसाज़ो का आतंक फैला हुआ है, जो ऐसे छात्र-छात्राओं को अपना शिकार बना रहे हैं, जो नीट के एग्जाम में खराब रैंक आने के कारण एडमिशन नहीं ले पा रहे हैं. ऐसे ही एक मामले में यूपी के दो नामचीन संस्थानों पर बरेली में एफआईआर दर्ज की गई है. आरोप है कि बरेली में राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत्त शिक्षक ने अपने पोते-पोती का एमबीबीएस (MBBS) में एडमिशन के करवाने के लिए 34 लाख रुपये दिए थे. अब सुभाषनगर थाने में 8 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
सुभाषनगर के करगैना निवासी 80 वर्षीय गोवर्धन लाल श्रीवास्तव राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत्त शिक्षक हैं. उनके पोते और पोती ने इसी साल इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की. दोनों बच्चों ने नीट का एग्जाम दिया था लेकिन रैंक अच्छी नहीं आने की वजह से दोनों का एडमिशन एमबीबीएस में नहीं हो सका. इसी बीच उनके पास नोएडा से एक फोन आया. फोन करने वाले ने दोनों बच्चों का सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन कराने का झांसा दिया और दोनों को नोएडा बुलाया.
इस तरह जाल बिछाकर फंसाया
इसके बाद दोनों बच्चे अपने बुजुर्ग बाबा के साथ नोएडा पहुंचे. यहां दोनों की बाकायदा काउंसलिंग की गई. फिर काउंसलिंग के बाद बताया गया कि दोनों सलेक्शन हो गया है. आपके पोते अलंकृत का मोतीलाल नेहरू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद और पोती का बांदा मेडिकल कालेज में एडमिशन का हो जाएगा. दोनों के एडमिशन के लिए 34 लाख रुपये देने पड़ेंगे.क्लास शुरू करने का भी आश्वासन
इसके बाद बाबा ने सचिन नाम के जालसाज को 34 लाख रुपये दे दिए. बच्चे को इलाहाबाद बुलाया गया और जालसाज उन्हें इलाहाबाद के स्वरूपरानी अस्पताल ले गए. बताया गया कि ये अस्पताल मोतीलाल नेहरू विश्वविद्यालय इलाहाबाद से संबंध है. उसके बाद जालसाजों ने बुजुर्ग टीचर और बच्चों को डॉ हर्षवर्धन और एसके शर्मा से मिलवाया. उनके कमरे के बाहर पल्मोनरी मेडिसिन विभाग का बोर्ड लगा हुआ था और दोनो डॉक्टरों के नाम लिखे थे. सभी ने बच्चों से फॉर्म भरवाए उनके डॉक्यूमेंट चेक किये और 2 फरवरी से कक्षाएं शुरू होने का आश्वासन दिया.
31 जनवरी से बदली कहानी
16 फरवरी को सचिन का फोन आया कि उनके पोते अलंकृत का एडमिशन हो गया है और पोती के एडमिशन कराने के लिए 31 जनवरी को बांदा मेडिकल कालेज चलना है. 31 जनवरी को सचिन ने बताया कि किसी वकील ने सुप्रीम कोर्ट में केस कर दिया है, जिस वजह से इस तरह के सभी एडमिशन पर रोक लग गई है. आपके रुपये 12 फरवरी को वापस कर दिए जाएंगे. लेकिन 12 फरवरी से सभी ठगों के फोन स्विच ऑफ है.
पुलिस जांच में और भी पीड़ितों की मिली जानकारी
रिटायर्ड टीचर गोवर्धन लाल श्रीवास्तव ने सुभाषनगर थाने में इलाहाबाद निवासी स्वरूप रानी बक्शी हॉस्पिटल के पल्मोनरी मेडिसन विभाग के डॉ हर्षवर्धन, एसके शर्मा, नोएडा निवासी सचिन, पंकज, आदेश, वीरेंद्र समेत 8 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया है. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है. पुलिस की विवेचना के दौरान जालसाजों पर पूर्व फूड इंस्पेक्टर और स्कूल संचालक को भी ठगने का मामला जानकारी में आया है.
सुभाषनगर के करगैना निवासी 80 वर्षीय गोवर्धन लाल श्रीवास्तव राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त सेवानिवृत्त शिक्षक हैं. उनके पोते और पोती ने इसी साल इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की. दोनों बच्चों ने नीट का एग्जाम दिया था लेकिन रैंक अच्छी नहीं आने की वजह से दोनों का एडमिशन एमबीबीएस में नहीं हो सका. इसी बीच उनके पास नोएडा से एक फोन आया. फोन करने वाले ने दोनों बच्चों का सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन कराने का झांसा दिया और दोनों को नोएडा बुलाया.
इस तरह जाल बिछाकर फंसाया
इसके बाद दोनों बच्चे अपने बुजुर्ग बाबा के साथ नोएडा पहुंचे. यहां दोनों की बाकायदा काउंसलिंग की गई. फिर काउंसलिंग के बाद बताया गया कि दोनों सलेक्शन हो गया है. आपके पोते अलंकृत का मोतीलाल नेहरू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद और पोती का बांदा मेडिकल कालेज में एडमिशन का हो जाएगा. दोनों के एडमिशन के लिए 34 लाख रुपये देने पड़ेंगे.क्लास शुरू करने का भी आश्वासन
इसके बाद बाबा ने सचिन नाम के जालसाज को 34 लाख रुपये दे दिए. बच्चे को इलाहाबाद बुलाया गया और जालसाज उन्हें इलाहाबाद के स्वरूपरानी अस्पताल ले गए. बताया गया कि ये अस्पताल मोतीलाल नेहरू विश्वविद्यालय इलाहाबाद से संबंध है. उसके बाद जालसाजों ने बुजुर्ग टीचर और बच्चों को डॉ हर्षवर्धन और एसके शर्मा से मिलवाया. उनके कमरे के बाहर पल्मोनरी मेडिसिन विभाग का बोर्ड लगा हुआ था और दोनो डॉक्टरों के नाम लिखे थे. सभी ने बच्चों से फॉर्म भरवाए उनके डॉक्यूमेंट चेक किये और 2 फरवरी से कक्षाएं शुरू होने का आश्वासन दिया.
31 जनवरी से बदली कहानी
16 फरवरी को सचिन का फोन आया कि उनके पोते अलंकृत का एडमिशन हो गया है और पोती के एडमिशन कराने के लिए 31 जनवरी को बांदा मेडिकल कालेज चलना है. 31 जनवरी को सचिन ने बताया कि किसी वकील ने सुप्रीम कोर्ट में केस कर दिया है, जिस वजह से इस तरह के सभी एडमिशन पर रोक लग गई है. आपके रुपये 12 फरवरी को वापस कर दिए जाएंगे. लेकिन 12 फरवरी से सभी ठगों के फोन स्विच ऑफ है.
पुलिस जांच में और भी पीड़ितों की मिली जानकारी
रिटायर्ड टीचर गोवर्धन लाल श्रीवास्तव ने सुभाषनगर थाने में इलाहाबाद निवासी स्वरूप रानी बक्शी हॉस्पिटल के पल्मोनरी मेडिसन विभाग के डॉ हर्षवर्धन, एसके शर्मा, नोएडा निवासी सचिन, पंकज, आदेश, वीरेंद्र समेत 8 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया है. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है. पुलिस की विवेचना के दौरान जालसाजों पर पूर्व फूड इंस्पेक्टर और स्कूल संचालक को भी ठगने का मामला जानकारी में आया है.