देश में एक बार फिर तीन तलाक बिल का मुद्दा चरम पर है. गुरुवार को तीन तलाक बिल पर सदन में तीखी बहस हुई, लेकिन जब ये बहस संसद में चल रही थी. तभी उत्तर प्रदेश के बरेली में एक और तीन तलाक का मामला सामने आया. जीवन के आखिरी पड़ाव पर एक वृद्ध महिला को उसके पति ने तीन तलाक दे दिया. महिला का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने अपने पति के अवैध संबंधों का विरोध किया था. 19 साल पहले महिला का निकाह हुआ है.
मिली जानकारी के मुताबिक, मामला बरेली के बहेड़ी की है. यहां के निवासी अर्जुमंद जाफ़री का निकाह 19 साल पहले मौलवी व मदरसा संचालक सय्यद सिराज अहमद उर्फ़ मुन्ने मियां से हुआ था. उस समय उसकी पहली पत्नी के आठ बच्चे थे. पत्नी के देहांत के बाद मौलवी ने बच्चों को न बता कर धोखा देकर दूसरा निकाह कर लिया. निकाह के कुछ साल बाद मौलवी का दूसरी महिला से
पीड़िता का आरोप है कि मौलवी ने अपनी पुत्र वधु से अवैध सम्बन्ध बना लिए. जिस वजह से गृह क्लेश बढ़ गया. मौलवी ने अवैध संबंध में बाधा पड़ते देख उसे तीन तलाक़ देकर घर से बाहर कर दिया.
तलाक का मामला सामने आने के बाद पीड़ित महिला के साथ समाज सेवी भी खड़े हो गए. समाजसेवी निदा खान ने पीड़ित महिला के साथ थाने में जाकर तहरीर दिलवाई. समाज सेवी निदा खान ने कहा कि वो तीन तलाक़ पीड़िताओं की हर संभव सहायता करेंगी. वहीं पीड़ित महिला की तहरीर पर एसपी (ग्रामीण) संसार सिंह का कहना है कि मामला संज्ञान में आ है. जल्द ही जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : December 28, 2018, 11:12 IST