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2014 में खरीदी कार 2023 में निकली बेकार... 8 सालों तक फर्जी रजिस्ट्रेशन कर ग्राहक को बनाया बेवकूफ

एएसपी बस्ती दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि मामले को संज्ञान में लेकर एफआईआर दर्ज कर लिया गया है, इसकी विवेचना की जा रही है ...अधिक पढ़ें

रिर्पोट – कृष्ण गोपाल द्विवेदी
बस्ती. 
धन्य है बस्ती का आरटीओ कार्यालय और उसके जिम्मेदार…. क्या आपने कभी सुना है कि किसी ने एक नई कार खरीदी हो और रजिस्ट्रेशन के नाम पर उसे फर्जी कागज और नंबर दे दिया जाए और फिर वर्षों तक उसका पता ना चले. ऐसा ही एक मामला बस्ती से सामने आया है. जिसमें एक कार 8 सालों तक सड़क पर चलती रही उसका इंश्योरेंस जमा होता रहा , डैमेज क्लेम , बीमा कंपनी का क्लेम भी लिया गया और वह सब कुछ होता रहा जो एक कार खरीदने के बाद व्यक्ति करता है.

हैरानी की बात यह है कि इस दौरान ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ सहित पूरे विभाग के किसी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लगी. हालांकि जैसे ही कार मालिक को यह पता चला तो उन्होंने शोरूम मालिक, तत्कालीन एआरटीओ शंकर सिंह और तत्कालीन बाबू के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया है.

कैसे सामने आया मामला?
इस कार के मालिक मनीष मिश्रा ने बताया कि जब वह 2022 के सितंबर महीने में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लेने के लिए आरटीओ कार्यालय पहुंचे , तो वहां उन्हें पता चला कि उनका रजिस्ट्रेशन फर्जी है. उन्हें कहा गया कि ऐसा कोई नंबर उनके नाम पर रजिस्टर्ड नहीं है. मिश्रा ने कहा, ‘ यह सुनकर मैं चौक गया , और पूरे मामले की जानकारी करने लगा. तब मुझे पता चला कि मैंने 2014 में गोरखपुर के एक शोरूम से जो गाड़ी खरीदी थी – जिस गाड़ी के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क जमा किया था – उसी गाड़ी के लिए मुझे एक फर्जी आरसी पेपर दे दिया गया और उस फर्जी आरसी पेपर के अनुसार मेरी गाड़ी का नंबर UP 51 AA 6262 है. फिर हमने इस गाड़ी को तब से चलाना बंद कर दिया और घर पर खड़ा कर दिया. लेकिन अपनी गाढ़ी कमाई से खरीदी गई गाड़ी के लिए हम कार्यालय में दौड़ने लगे , और मजबूर होकर हमने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है.’

एडिशनल एसपी बस्ती ने लिया संज्ञान
एएसपी बस्ती दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि मामले को संज्ञान में लेकर एफआईआर दर्ज कर लिया गया है, इसकी विवेचना की जा रही है जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किया जाएगा. यह बेहद गंभीर मामला है. इस तरह से किसी व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी होना आपराधिक कृत्य है. और सबसे बड़ी बात है कि यदि एक ही नंबर की दो गाड़ियां चल रही है इससे सुरक्षा व्यवस्था को भी सेंध लगती है.

Tags: Car, Fake ID

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