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बस्ती: पैसे के खेल में नेशनल हाइवे के जिम्मेदार दे रहे मौत को दावत, जानिए पूरा माजरा?

फ्लाइओवर पर लगे बन्द स्ट्रीट लाइटें 

फ्लाइओवर पर लगे बन्द स्ट्रीट लाइटें 

राष्ट्रीय स्तर पर मंत्रियों द्वारा कहा जाता है कि टोल टैक्स इसलिए लिया जाता है कि अच्छी सड़क पर चलने और दुर्घटना से बचन ...अधिक पढ़ें

    कृष्ण गोपाल द्विवेदी

    बस्ती : जनपद में नेशनल हाईवे 28 लगभग 80 किलोमीटर में फैला हुआ है, साथ ही 45 किलोमीटर में दो टोल टैक्स भी लगे हैं . लेकिन सुविधाओं के मामले में एनएच 28 काफी फिसड्डी साबित हो रही है, अंधेरे रात और कोहरे के चलते नेशनल हाईवे पर स्ट्रीट लाइटें तो लगा दी गई, लेकिन ये स्ट्रीट लाइट मात्र शो पीस बनकर रह गए हैं. नेशनल हाईवे के जिम्मेदार स्ट्रीट लाइट को ही कमाई का अड्डा बना लिए हैं . रात 8 बजे के बाद सभी स्ट्रीट लाइटों को बंद कर दिया जाता है.

    विशेषकर फ्लाईओवर पर लगे स्ट्रीट लाइट को, जिससे हाईवे पर अंधेरा छा जाता है और एक्सीडेंट के चांसेस बढ़ जाते हैं. यह स्थिति तब है जब बस्ती में लगातार एक्सीडेंट और हादसों में होने वाले मौतों का ग्राफ बढ़ रहा है. अभी हाल ही में परिवहन आयुक्त द्वारा कराए गए एक सर्वे में भी ये बात निकल के सामने आई है कि बस्ती में एनएच 28 मौत का हाईवे बन गया है, यहां आए दिन 3 मौते हो रही है. यह हादसों में हुए मौत के मामले में 68% की वृद्धि है.

    स्ट्रीट लाइट बुझाकर लाखों की कमाई का धंधा हो गया है शुरू
    आपको बता दें कि बस्ती जनपद के 80 किलोमीटर के रेंज में 5 फ्लाइओवर पर 200 से भी अधिक स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं, और प्रतिदिन इन पांचों फ्लाइओवर पर लगे स्ट्रीट लाइटें जलाने के लिए लगभग 50 हज़ार रुपए के तेल का खर्चा आता है. यदा-कदा शाम को 6 बजे स्ट्रीट लाइट जला दी जाती हैं , लेकिन रात 8 बजते ही सभी स्ट्रीट लाइटें बंद कर दी जाती हैं.

    इस तरह स्ट्रीट लाइटों में एनएच के ठेकेदार और एनएचएआई की मिलीभगत से सरकार को लाखों का चूना लगाया जा रहा है. इसके साथ ही लोगों की जान से भी खिलवाड़ हो रहा है.

    कहां – कहां लगे हैं स्ट्रीट लाइटें
    बस्ती के 80 किलोमीटर के रेंज में अयोध्या ओवरब्रिज, बड़ेवन ओवरब्रिज, चैनपुरवा ओवरब्रिज, हड़िया ओवरब्रिज और खलीलाबाद में स्ट्रीट लाइटें एनएच अथॉरिटी द्वारा लगाए गए हैं.

    डीएम ने कार्रवाई की बात कही
    जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि इस सम्बंध में एनएच के परियोजना निदेशक से बात की गई है , उनके द्वारा अवगत कराया गया है कि अभी तक उनके पास इसका बजट नहीं है, नोडल कार्यालय को पत्र लिखा गया है जल्द ही इसपर कार्यवाही की जाएगी.

    अब सवाल यह उठता है कि जब लोगों से टोल टैक्स लिया जा रहा है तो फिर बजट क्यों आवंटित नहीं किया गया है? क्या लोगों को दुर्घटना का शिकार होने के लिए इंतजार कर रहा है एनएचएआई?

    राष्ट्रीय स्तर पर मंत्रियों द्वारा कहा जाता है कि टोल टैक्स इसलिए लिया जाता है कि अच्छी सड़क पर चलने और दुर्घटना से बचने के लिए सुविधाएं दी जाएंगी, लेकिन टोल टैक्स लेकर भी जिस तरह से सुविधाओं के नाम पर ठगा जा रहा है और दुर्घटना को आमंत्रित किया जा रहा है यह बेहद अफसोसनाक है और लोगों की जान से खिलवाड़ है.

    Tags: Basti news, Uttar pradesh news

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