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विवादों के बीच रामचरितमानस की चौपाइयां दे रही डिप्रेशन से मुक्ति... जानिए कैसे?

रामचरित मानस की चौपाई मनोरोगियो के लिए साबित हो रही रामबाण 

रामचरित मानस की चौपाई मनोरोगियो के लिए साबित हो रही रामबाण 

Basti News: पंडित सूरज तिवारी ने कहा कि श्रीरामचरितमानस एक पवित्र ग्रंथ है, इसके एक एक चौपाई में रहस्य छुपा है जो न सिर ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट – कृष्ण गोपाल द्विवेदी

बस्ती. रामचरितमानस को लेकर पूरी राजनीतिक गलियारों में गर्म जोशी का माहौल है, कहीं श्री रामचरितमानस की प्रतियां फाड़ी जा रही हैं तो कहीं श्रीरामचरितमानस को लेकर विवादित बयानबाजी की जा रही है. लेकिन लोगों को यह नहीं पता है की इस आधुनिकता की भागदौड़ के युग में श्रीरामचरितमानस की यही पंक्तियां लोगों को जीवन प्रदान कर रही हैं, मन को शांत रखने में उपयोगी हो रही है और लोगों को अवसाद से बचा रही हैं.

ये पंक्तियां दे रही अवसाद से मुक्ति
कहेहू तें कछु दु:ख घटि होई । काहि कहौं यह जान न कोई।।
अर्थात् अपने मन की पीड़ा को किसी के सामने कहने से भी दुःख दूर हो जाती है.

साइकोलाजिस्ट डॉक्टर एके दूबे बताते हैं कि 85% लोग अवसाद में इसलिए जाते हैं क्योंकि वो अपने अंदर के दर्द को किसी के सामने प्रगट नहीं कर पाते हैं और अंदर ही अंदर परेशान रहते हैं, और अपनी समस्या को बहुत बड़ी मान लेते हैं. काउंसलिंग के दौरान अवसाद यानी डिप्रेशन से ग्रस्त मरीजों को रामचरित मानस की यही पंक्ति बार बार दोहराने को कहा जाता है, जिससे मनोरोगी अपनी पीड़ा साझा करने लगते हैं और उनको फिर अवसाद से आराम भी मिलने लगता है.

गाइडलाइन में भी है शामिल
आपको बता दें कि श्रीरामचरितमानस की यह चौपाई राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के गाइडलाइन में भी शामिल किया गया है. श्रीरामचरितमानस की इस चौपाई से न सिर्फ मन को शांति मिलती है, वहीं मनोरोगी के ट्रीटमेंट में भी यह काफी सहायक है.

पंडित सूरज तिवारी ने कहा कि श्रीरामचरितमानस एक पवित्र ग्रंथ है, इसके एक एक चौपाई में रहस्य छुपा है जो न सिर्फ मनुष्य को अच्छे रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है. अपितु उनके अंदर व्याप्त रोग दोष भी दूर करता है.

Tags: Basti news, Depression, Lord rama, UP news

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