बड़ा खुलासा: UP के प्राइमरी स्कूलों में टीचर्स को छुट्टियों के लिए देनी पड़ती है रिश्वत, जानिए घूस के 'रेट'

यूपी के प्राइमरी स्कूलों में चल रहे बड़े भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है.
यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग ने आईवीआरएस कॉल (IVRS Call) के जरिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात 12733 टीचर्स से बात कर उनका फ़ीडबैक लिया. 1548 टीचर्स ने स्पष्ट तौर पर शोषण की बात कही और बताया कि बिना रिश्वत दिए छुट्टी नहीं मिलती.
- News18Hindi
- Last Updated: December 5, 2020, 3:10 PM IST
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग (Basic Education Department) के सर्वे में प्राइमरी स्कूलों के टीचरों (Primary School Teachers) को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पता चला है कि यूपी के प्राइमरी स्कूलों टीचरों को छुट्टियों के लिए रिश्वत (Bribe for Leave) देनी पड़ती है. दरअसल बेसिक शिक्षा विभाग ने आईवीआरएस कॉल (IVRS Call) के जरिए प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनात 12733 टीचर्स से बात कर उनका फ़ीडबैक लिया. इस दौरान टीचर्स से अवकाश के बदले विभागीय अधिकारियों द्वारा शोषण की बात पूछी गई.
पूछताछ में 1548 टीचर्स ने स्पष्ट तौर पर शोषण की बात कही और बताया कि बिना रिश्वत दिए छुट्टी नहीं मिलती. उन्होंने बताया कि मेडिकल लीव लेनी हो या बच्चों की देखभाल के लिए अवकाश, सभी के घूस के रेट फिक्स हैं. टीचरों ने बताया कि जो घूस नहीं देते उनके अवकाश प्रार्थना पत्र लंबित रखे जाते हैं. ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी बिना रिश्वत के प्रार्थना पत्र देखते भी नहीं हैं.
खंड शिक्षा अधिकारियों से जवाब तलब किया जा रहा: महानिदेशक, स्कूल शिक्षा
मामले में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आंनद ने बताया कि लगभग 12 हज़ार शिक्षकों की प्रतिक्रिया ली गयी थी. इसमें 10 प्रतिशत शिक्षकों ने शोषण की बात की है. जिन खंडो में शोषण की बात सामने आई है, उनके खंड शिक्षा अधिकारियों से शोषण की बात पर पत्राचार किया गया है.शादी की छुट्टी के लिए दोगुनी रिश्वत
यही नहीं शिक्षकों ने बताया कि नए टीचर्स को अपनी शादी की छुट्टी के लिए दोगुना रिश्वत देनी होती है. आम अवकाश का रेट प्रतिदिन के हिसाब से 500 से 1000 है तो शादी के लिए प्रतिदिन 2000 के हिसाब से खण्ड शिक्षा अधिकारी को देने होते हैं.
इसलिए टीचर नहीं करते ऑनलाइन आवेदन
बता दें बेसिक शिक्षा विभाग में अवकाश के लिए आईवीआरएस के जरिए ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था है. लेकिन टीचर्स अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं करते हैं. टीचरों ने कारण बताया कि उन्हें डर रहता है कि ऑनलाइन आवेदन करते ही खण्ड शिक्षा अधिकारी को पता चल जाएगा कि किस टीचर ने कितने दिन का अवकाश मांगा है? ये खुलासा खुद बेसिक शिक्षा विभाग के अपने सर्वे में हुआ है,
सर्वे में खुलासा- छुट्टी के लिए घूस के रेट
आम अवकाश का रेट 500 से 1000 रुपये रोजाना
शादी के लिए 2000 रुपये रोजाना
(खंड शिक्षा अधिकारी को देनी होती है रकम)
पूछताछ में 1548 टीचर्स ने स्पष्ट तौर पर शोषण की बात कही और बताया कि बिना रिश्वत दिए छुट्टी नहीं मिलती. उन्होंने बताया कि मेडिकल लीव लेनी हो या बच्चों की देखभाल के लिए अवकाश, सभी के घूस के रेट फिक्स हैं. टीचरों ने बताया कि जो घूस नहीं देते उनके अवकाश प्रार्थना पत्र लंबित रखे जाते हैं. ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी बिना रिश्वत के प्रार्थना पत्र देखते भी नहीं हैं.
खंड शिक्षा अधिकारियों से जवाब तलब किया जा रहा: महानिदेशक, स्कूल शिक्षा
मामले में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आंनद ने बताया कि लगभग 12 हज़ार शिक्षकों की प्रतिक्रिया ली गयी थी. इसमें 10 प्रतिशत शिक्षकों ने शोषण की बात की है. जिन खंडो में शोषण की बात सामने आई है, उनके खंड शिक्षा अधिकारियों से शोषण की बात पर पत्राचार किया गया है.शादी की छुट्टी के लिए दोगुनी रिश्वत
यही नहीं शिक्षकों ने बताया कि नए टीचर्स को अपनी शादी की छुट्टी के लिए दोगुना रिश्वत देनी होती है. आम अवकाश का रेट प्रतिदिन के हिसाब से 500 से 1000 है तो शादी के लिए प्रतिदिन 2000 के हिसाब से खण्ड शिक्षा अधिकारी को देने होते हैं.
इसलिए टीचर नहीं करते ऑनलाइन आवेदन
बता दें बेसिक शिक्षा विभाग में अवकाश के लिए आईवीआरएस के जरिए ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था है. लेकिन टीचर्स अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं करते हैं. टीचरों ने कारण बताया कि उन्हें डर रहता है कि ऑनलाइन आवेदन करते ही खण्ड शिक्षा अधिकारी को पता चल जाएगा कि किस टीचर ने कितने दिन का अवकाश मांगा है? ये खुलासा खुद बेसिक शिक्षा विभाग के अपने सर्वे में हुआ है,
सर्वे में खुलासा- छुट्टी के लिए घूस के रेट
आम अवकाश का रेट 500 से 1000 रुपये रोजाना
शादी के लिए 2000 रुपये रोजाना
(खंड शिक्षा अधिकारी को देनी होती है रकम)