होम /न्यूज /उत्तर प्रदेश /Chitrakoot News: मौसमी बीमारियों का कहर, ओपीडी में हर दिन लाए जा रहे 40-50 बीमार बच्चे

Chitrakoot News: मौसमी बीमारियों का कहर, ओपीडी में हर दिन लाए जा रहे 40-50 बीमार बच्चे

X
जिला

जिला अस्पताल में छोटे छोटे बच्चे ग्रसित 

Seasonal Diseases: चित्रकूट के सीएचसी और पीएचसी ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार छोटे बच्चे अस्पतालों में भर्ती हो रहे ह ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट : धीरेन्द्र शुक्ला

चित्रकूट. चित्रकूट में लगातार तीन दिनों से मौसम बदला हुआ है. मौसम कभी गरम तो कभी ठंड महसूस हो रहा है. चित्रकूट में बादल छाए हुए हैं. इस मौसम की वजह से चित्रकूट में किसानों को फसल का नुक़सान झेलना पड़ रहा है. उसके साथ ही छोटे-छोटे बच्चे बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. चित्रकूट के जिला अस्पताल में देखा गया कि बीमारी से पीड़ित छोटे-छोटे बच्चे लाए जा रहे हैं.

चित्रकूट के सीएचसी और पीएचसी ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार छोटे बच्चे अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जिस प्रकार से मौसम बदल रहा है उससे लगातार बीमारियां छोटे बच्चों पर दिख रही हैं. सबसे बड़ी बात है यह बीमारी 1 वर्ष से 4 वर्ष तक बच्चों को हो रही है.

ये बीमारियां कर रहीं परेशान

छोटे बच्चों को पेट दर्द होना, जी मचला, खांसी, जुखाम होना और निमोनिया हो जाना, इस प्रकार की बीमारी छोटे बच्चों पर लगातार देखने को मिल रही है. इसीलिए छोटे बच्चों के माता-पिता लगातार चित्रकूट के जिला अस्पताल और ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी और पीएचसी में ले जाकर जांच करा रहे हैं. लेकिन वहीं पर डॉक्टरों का कहना है कि बदलते मौसम की वजह से ऐसी बीमारियां इन छोटे बच्चों को हो रही हैं इसमें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है.

40-50 बच्चे आ रहे ओपीडी में

चित्रकूट के जिला अस्पताल के डॉक्टर आरबी लाल के मुताबिक, चित्रकूट के जिला अस्पताल में प्रतिदिन 40 से 50 बच्चों की ओपीडी हो रही है. वहीं पर ग्रामीण क्षेत्र में बात की जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार छोटे बच्चों की ओपीडी होने की जानकारी आ रही है. ऐसे में जिला अस्पताल में लगातार छोटे बच्चों को डाक्टरों के मुताबिक देखा जा रहा है और इनको बचाव के लिए इनके माता-पिता को सलाह दी जा रही है. इस बीमारी से कैसे बचाव करें इस विषय में भी जानकारी इनके माता-पिता को हमलोगों के द्वारा दी जा रही है. लेकिन इसमें परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. यह बीमारी बदलते मौसम की वजह से छोटे बच्चों में हर वर्ष आती रहती है. लेकिन इसमें सबसे ज्यादा बचाव करना बेहद जरूरी होता है.

Tags: Chitrakoot News, Disease, District Hospital

टॉप स्टोरीज
अधिक पढ़ें