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चित्रकूट की सड़कों पर राम नाम की धुन, गाजे-बाजे के साथ प्रभु राम को कलयुग में  किया याद

भगवान श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट में भगवान श्रीराम को याद किया गया है. चित्रकूट की सड़कों में गाजे-बाजे के साथ साधु- ...अधिक पढ़ें

रिर्पोट- धीरेन्द्र शुक्ला
चित्रकूट :
धर्म नगरी चित्रकूट में त्रेता युग से लेकर कलयुग तक प्रभु श्री राम की उपस्थिति का अनुभव भक्तगण करते हैं. आज भक्त गणों ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के चित्रकूट में होने की अनुभूति को लेकर श्री राम का नाम जपते हुए झांकी निकाली . ऐसा प्रतिवर्ष होता है कि जब यह झांकी निकलती है – , उस समय जहां-जहां प्रभु श्री राम ने निवास किया था ऐसे 24 स्थानों पर भक्तगण झांकी लेकर जाते हैं, जिससे वह प्रभु श्री राम को याद कर सकें. भक्तगण , साधु – संत और सन्यासी इस आशा और विश्वास के साथ उन 24 स्थानों पर जाते हैं कि उनके आराध्य भगवान श्रीराम यहां पर विराजमान है और उनके होने की अनुभूति करते हैं. भक्त गणों की मान्यता है कि कलयुग में भी भगवान राम यहां बसते हैं.

सभी संत महात्मा और भक्तगण गाजे-बाजे के साथ सड़क पर रथ को लेकर निकले रामघाट होते हुए निर्मोही अखाड़ा और फिर मध्य प्रदेश में स्थित पर्णकुटी तक प्रभु श्री राम की झांकी को लेकर पहुंचे. झांकी इसलिए भी निकाली जाती है क्योंकि मान्यता है कि इन्हीं रास्तों से भगवान श्रीराम अलग-अलग स्थानों पर निवास किए थे. मठ – मंदिरों के महंत , संत , श्रद्धालु , भक्तगण , साधु सभी लोग भगवान श्री राम के दर्शन और उनके होने के अनुभव और अनुभूति के लिए यह यात्रा निकालते हैं जो पर्णकुटी तक जाती है.

24 पंक्तियों में निकलती है झांकी
मान्यता है कि प्रभु श्री राम चित्रकूट परी क्षेत्र में 24 स्थानों पर निवास किए थे और इन्हीं 24 स्थानों को भक्तगण अपने श्रद्धा विश्वास और भक्ति का केंद्र मानते हैं यही वजह है कि 24 पंक्तियों में यात्रा निकाली जाती है जिससे भगवान को अपना समर्पण व्यक्त किया जा सके. लंबे-लंबे भगवा से लपेटे हुए बल्ली नुमा दंड जो आप देख रहे हैं – यह अलग-अलग संत परंपरा अर्थात अखाड़े के महंत प्रभु श्री राम के स्थान पर पहुंचकर – भगवान श्री राम के नाम का कीर्तन करते हैं और इस यात्रा में सम्मिलित होते हैं. इस झांकी को सजाकर लोग खुशियां मनाते हैं और कलयुग में भगवान श्री राम की उपस्थिति का अनुभव करते हुए राम नाम की धूनी लगाकर पर्णकुटी तक पहुंचते हैं.

Tags: Lord rama

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