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Chitrakoot News: मंदाकिनी नदी के बीच में निकलती दूध की धारा, दर्शन करने उमड़े भक्त, जानें मान्यता

Chitrakoot News: आमतौर पर जब भक्त यहां पहुंचते हैं तो उनकी यह कोशिश होती है कि उन्हें पयस्विनी यानी मां मंदाकिनी में दु ...अधिक पढ़ें

रिपोर्ट- धीरेन्द्र शुक्ला

चित्रकूट: चित्रकूट प्रभु श्री राम के पावन तपोस्थली के रूप में विख्यात है. अमावस्या, वसंत पंचमी से लेकर तमाम अलग-अलग अवसरों पर यहां लोग लाखों की संख्या में पहुंचते हैं और मां मंदाकिनी में स्नान करके भगवान कामतानाथ के दर्शन करते हैं. मकर संक्रांति पर भी श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ता है तो वहीं प्रभु श्री राम के दर्शनों की आशा लिए जो भक्त आते हैं. उन्हें यहां अद्भुत रहस्य और कलाओं का दर्शन होता है, जिससे भक्तगण आश्चर्य से भर जाते हैं.

इसी प्रकार का आश्चर्य एक बार फिर से हुआ है जिसमें बसंत पंचमी के दूसरे दिन अर्थात आज भक्तों को मंदाकिनी नदीं में दुग्ध धारा बहती हुई दिखाई दी है. ऐसी मान्यता है कि प्राचीन काल से ही मंदाकिनी नदीं को पयस्विनी नदीं भी कहा जाता है. पय का अर्थ होता है दुग्ध- अर्थात दुग्ध की धारा वाली नदी. फिलहाल यह पावन पुनीत दुग्ध धारा न्यूज 18 के कैमरे में कैद हो गई है, आप भी इस पुण्य धारा के दर्शन कीजिए.

मां मंदाकिनी नदी का प्राचीन नाम पयश्विनी है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि प्राचीन समय में इसमें दूध की धारा बहती थी. समय के साथ इसमें परिवर्तन हुआ है, परंतु आज भी कभी-कभी इसमें दुग्ध धारा देखने को मिलती है. बहुत कम समय के लिए यह दुग्ध धारा दिखाई देती है और फिर विलुप्त हो जाती है. इस बार आज चित्रकूट में बसंत पंचमी के दूसरे दिन मंदाकिनी नदी में दुग्ध धारा देखने को मिली है. इस दूध धारा को देशभक्त उत्साहित नजर आए और उन्होंने स्नान भी किया. इस दुग्ध धारा को देखने के लिए भक्त आस लगाए रहते हैं, लेकिन कभी-कभी ही भक्तों को यह अवसर प्राप्त हो पाता है.

मंदाकिनी नदी को छोटी गंगा भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें स्नान करने से भक्तों के पाप मिट जाते हैं और दुग्ध धारा में स्नान करने पर कष्टों का निवारण होता है और बीमारी भी दूर हो जाती है ऐसी मान्यता है. हमारे वीडियो में आपने देखा कि कैसे नदी के बीचो-बीच सफेद रंग की धारा प्रवाहित हो रही है जो अपने आप में आश्चर्यजनक, अनूठी और अनुपम है.

क्या है दुग्ध धारा की मान्यता
तोता मुखी हनुमान मंदिर के महंत मोहित दास बताते हैं कि ऐसी मान्यता है कि जो भी बीमारी से पीड़ित भक्त धर्म नगरी चित्रकूट में आते हैं और माता अनुसूया के आशीर्वाद से मंदाकिनी नदी में स्नान करते हैं उनके कष्ट दूर हो जाते हैं. परंतु जब दुग्ध धारा प्रवाहित होती है उस समय में यदि परछाई भी दिखाई दे दुग्ध धारा में किसी व्यक्ति की तो उसके कष्ट दूर हो जाते हैं. बसंत पंचमी के दूसरे दिन जिस प्रकार से दुग्ध धारा दिखाई दी है. यह भक्तों को उनके कष्टों से मुक्ति दिलाने के लिए मां मंदाकिनी का आशीर्वाद है.

आमतौर पर जब भक्त यहां पहुंचते हैं तो उनकी यह कोशिश होती है कि उन्हें पयस्विनी यानी मां मंदाकिनी में दुग्ध धारा के दर्शन हो जाए और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएं. परंतु कुछ ही भक्त ऐसे होते हैं जिन्हें दुग्ध धारा के दर्शन का शुभ अवसर प्राप्त हो पाता है. प्राचीन काल से ही यह दुग्ध धारा अलग-अलग समय पर दिखती है.

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