यहां भगवान राम की नहीं, रावण की होती है पूजा
यूपी के इस गांव में हर साल भगवान राम की नहीं बल्कि रावण की पूजा की जाती है. यहां सैंकड़ों सालों से यह रिवाज चली आ रही है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: October 19, 2018, 8:23 PM IST
विजयादशमी का महापर्व असत्य पर सत्य, अन्याय पर न्याय, अज्ञान पर ज्ञान के रुप में मनाया जाता है. इस दिन भगवान श्री राम ने लंकाधिपति रावण का वध किया था. रावण के अंत को याद करने के लिए हर साल उसका पुतला जलाया जाता है. वहीं यूपी में एक ऐसा गांव है जहां आज के दिन खुशी का माहौल नहीं बल्कि गमगीन रहता है. यहां दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है.
यूपी के चित्रकूट में जँहा भगवान राम ने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ अपने वनवास के चौदह वर्षों मे से साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए थे. जो चित्रकूट भगवान राम की कर्मस्थली के रुप मे दुनिया भर मे प्रसिद्ध है. वहीं के रैपुरा गांव में हर साल भगवान राम की नहीं बल्कि रावण की पूजा की जाती है. इस गांव में रावण की पूजा की यह रिवाज सैकड़ों सालों से चली आ रही है और आज भी यहां के लोग रावण की विशाल मूर्ति की पूजा अर्चना करते हैं.
ये भी पढ़ें- यहां भगवान राम नहीं करते रावण का वध
गाँव के लोगों का कहना है कि वो रावण जैसे विद्वान ब्राह्मण की विद्वता की कद्र करते हैं. रावण की पूजा करने की वजह से ही चित्रकूट के इस गाँव की पहचान विद्वानों के गाँव के रूप में होने लगी है. रावण की पूजा वाले इस गाँव में आईएएस, आईपीएस समेत 30 से कई बड़े अधिकारी बने हैं.ये भी पढ़ें- अमृतसर में रावण दहन के दौरान मची भगदड़, कम से कम 50 लोगों के मौत की आशंका
यूपी के चित्रकूट में जँहा भगवान राम ने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ अपने वनवास के चौदह वर्षों मे से साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए थे. जो चित्रकूट भगवान राम की कर्मस्थली के रुप मे दुनिया भर मे प्रसिद्ध है. वहीं के रैपुरा गांव में हर साल भगवान राम की नहीं बल्कि रावण की पूजा की जाती है. इस गांव में रावण की पूजा की यह रिवाज सैकड़ों सालों से चली आ रही है और आज भी यहां के लोग रावण की विशाल मूर्ति की पूजा अर्चना करते हैं.
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गाँव के लोगों का कहना है कि वो रावण जैसे विद्वान ब्राह्मण की विद्वता की कद्र करते हैं. रावण की पूजा करने की वजह से ही चित्रकूट के इस गाँव की पहचान विद्वानों के गाँव के रूप में होने लगी है. रावण की पूजा वाले इस गाँव में आईएएस, आईपीएस समेत 30 से कई बड़े अधिकारी बने हैं.ये भी पढ़ें- अमृतसर में रावण दहन के दौरान मची भगदड़, कम से कम 50 लोगों के मौत की आशंका