सीएम योगी इन दिनों लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रहे हैं. (File Photo)
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) इन दिनों एक्शन में हैं. ये एक्शन भ्रष्ट अधिकारियों (Corrupt Officers) पर खूब भारी पड़ रहा है. पिछले 12 दिनों यानी 3 फरवरी से अब तक सीएम योगी ने अलग-अलग मामलों में 25 अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं. इनमें से कुछ को निलंबित किया गया है, जबकि कुछ को सेवामुक्त तक करने के आदेश दिये गए हैं. चाहे वह किसी जिले के मुख्य विकास अधिकारी हों या ARTO सीएम योगी के भ्रष्टाचार पर चल रहे चाबुक से फिलहाल लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की खैर नहीं दिख रही. अब आपको पिछले महज 12 दिनों का वो आंकड़ा बताते हैं, जहां सीएम ने भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई की है.
परफार्मेंस ग्रांट की धनराशि आवंटित करने में धांधली मामला
सबसे पहले 3 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी ने परफार्मेंस ग्रांट की धनराशि आवंटित करने में धांधली का मामले में एक और कार्रवाई करते हुए पूर्व निदेशक अनिल कुमार दमेले पर अभियोग पंजीकृत करवाने के आदेश दिए. हालांकि इस मामले में पहले से ही अपर निदेशक राजेंद्र सिंह, मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी केशव सिंह, अपर निदेशक (पं) एसके पटेल, उप निदेशक (पं) गिरिश चन्द्र रजक समेत 12 जिलों के पंचायती राज अधिकारियों, सहायक विकास अधिकारियों, सम्बन्धित ग्राम पंचायत अधिकारियों व सचिवों के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में अभियोग पंजीकृत है.
4.25 करोड़ के गबन मामले की विवेचना
इसके बाद 10 फरवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ड्यूटी के दौरान लापरवाही करने पर पीटीएस मेरठ के निलंबित पुलिस उपाधीक्षक प्रकाश राम आर्या और अमेठी के डीडीओ बंशीधर को नौकरी से बर्खास्त करने के आदेश दिए. 13 फरवरी को मुख्यमंत्री ने जिला प्रयागराज की बैंक आफ इण्डिया, सुलेमसराय, धूमनगंज शाखा के करेंसी चेस्ट में पाए गए 4.25 करोड़ के गबन मामले की विवेचना को सीबीआई को स्थानांतरित करने के आदेश दिए.
आय से अधिक संम्पति अर्जित करने के मामले में भ्रष्टाचार
इसी दिन मुख्यमंत्री योगी ने उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग लखनऊ के पूर्व मुख्य लेखाधिकारी द्वारा आय से अधिक संम्पति अर्जित करने के मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अधीन कार्यवाही करने के आदेश दिए. 14 फरवरी को मुख्यमंत्री ने ग्राम विकास अधिकारी के पद की नियुक्ति में निमयों की अव्हेलना करने पर 6 जिलों के मुख्य विकास अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया, जिसमें बदायूं, सिद्धार्थ नगर, बलरामपुर लखीमपुर खीरी, कासगंज, शाहजहांपुर के अधिकारी शामिल हैं.
वित्तीय अनियमितता में दोषी
इसी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्तीय अनियमितता में दोषी पाए गए पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता आलोक रमन को बर्खास्त किया. आलोक रमन पर 43.95 करोड़ रुपए के वित्तीय अनियमितता का आरोप है. वहीं लगातार हो रहे बस हादसों के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पर भी गाज गिरी है. झारखण्ड की गाड़ियों के फर्जी कागज बनाने और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने में नियमों की अनदेखी करने पर ARTO सर्वेश कुमार सिंह, अमित राजन राय तत्कालीन संभागीय कैलाश नाथ सिंह ARTO अंम्बेडकर को निलंबित किया गया.
मुख्य सचिव बोले- जिलों में लापरवाह अफसरों पर सीएम की विशेष नजर
इस ताबड़तोड़ कार्रवाई पर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र तिवारी कहते हैं कि मुख्यमंत्री सरकारी विभागों के काम-काज पर विशेष नजर रखते हैं. खासतौर पर जिलों में अधिकारियों की लापरवाही पर उनकी विशेष नजर रहती है. इतना ही पिछले दिनों में जब यूपी में एक के बाद बस हादसे हुए मुख्यमंत्री परिवहन विभाग को लेकर कई बैठकें की और बाद फर्जी लाइसेंस से लेकर सरकारी नियमों की अव्हेलना करने वाले अधिकारियों की सूची मंगवाकर तुरंत कार्यवाही के आदेश दे दिए. सीएम के इस एक्शन से सरकारी विभागों में लापरवाह अफसर अब खैर मना रहे हैं. क्योंकि शिकायत मिलने के बाद योगी किसी की नहीं सुनते और यही वजह है कि सीएम आफिस से लगातार कार्रवाई की खबरों के आने का सिलसिला जारी है.
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