देवरिया. पूर्व मंत्री कामेश्वर उपाध्याय के चलते भाटपाररानी विधानसभा सीट सपा का मजबूत गढ़ है. कामेश्वर उपाध्याय इस सीट से पांच बार विधायक रहे. साल 2013 में उनके निधन के बाद से उनके बेटे आशुतोष उपाध्याय इस सीट से विधायक हैं. चार दशक तक इस सीट पर कामेश्वर उपाध्याय और हरबंश सहाय के बीच वर्चस्व की जंग चलती रही. अंत में कामेश्वर भारी पड़े. भाजपा अब तक यहां खाता नहीं खोल पाई है. बसपा के लिए भी यह सीट अबूझ पहले बनी हुई है.
कामेश्वर उपाध्याय सबसे पहले 1985 में यहां से जीते थे. निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए इस चुनाव में कांग्रेस के प्रति सहानुभूति की लहर थी. बावजूद उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को लगभग 22 हजार वोटों से हराया था. उन दिनों इस सीट पर सोशलिस्ट नेता हरवंश सहाय का दबदबा होता था. उस चुनाव में हरबंश तीसरे नंबर पर खिसक गए थे. 1989 में भी कामेश्वर निर्दलीय मैदान में उतरे लेकिन जनता दल से चुनाव लड़ रहे हरबंश सहाय से हार गए. फिर कामेश्वर कांग्रेस में शामिल हो गए, लेकिन 1991 में भी वह हरबंश से नहीं जीत सके. 1993 में वह जीते लेकिन, 1996 में सपा के योगेंद्र सिंह से हार गए. अगले चुनाव में हरबंश सहाय सपा, कामेश्वर उपाध्याय कांग्रेस और योगेंद्र सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे. इस चुनाव में कामेश्वर 19 हजार से अधिक वोटों से हरबंश सहाय से जीते. योगेंद्र तीसरे नंबर पर रहे. इसके बाद कामेश्वर सपा में शामिल हो गए और अंतिम सांस तक सपा से विधायक बने रहे.
2017 का परिणाम
सपा के आशुतोष उपाध्याय को 61862 वोट मिले थे. उन्होंने भाजपा के जयंत कुशवाहा उर्फ गुड्डन को 11 हजार से अधिक वोटों से हराया था. भाटपाररानी विधानसभा सीट पर पहला चुनाव 1967 में हुआ था. सपा पांच बार, कांग्रेस चार बार, जनता दल दो बार, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी, जनता पार्टी सेकुलर एक-एक बार यहां से जीत चुकी हैं.
जातीय समीकरण
3.15 लाख मतदाताओं वाली भाटपाररानी विधानसभा सीट पर सबसे अधिक कुशवाहा वोटर हैं, जिनकी संख्या करीब 48 हजार है. यादव 42 हजार, मुस्लिम, दलित और वैश्य वोटर 36-36 हजार, ब्राह्मण 28 हजार और क्षत्रिय वोटर करीब 21 हजार है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
Tags: UP Election 2022, UP Vidhan sabha chunav