कांग्रेस को झटका देते हुए नुसरत हफीज खां सपा में हुई शामिल

समाजवादी पार्टी
स्व. मुशीर खां की पुत्री नुसरत हफीज खां कांग्रेस को जबरदस्त झटका देते हुए सपा में शामिल हो गई हैं. नुसरत हफीज ने कांग्रेस की यूपीसीसी क सदस्यता और पार्टी महासचिव पद से भी इस्तीफा दे दिया है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: March 14, 2019, 10:35 PM IST
एटा के पूर्व सांसद स्व. मुशीर खां की पुत्री नुसरत हफीज खां कांग्रेस को जबरदस्त झटका देते हुए सपा में शामिल हो गई हैं. नुसरत हफीज ने कांग्रेस की यूपीसीसी क सदस्यता और पार्टी महासचिव पद से भी इस्तीफा दे दिया है. दरअसल लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तरप्रदेश 80 सीटों के साथ केंद्रीय सत्ता प्राप्ति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. चुनावी रणनीति और सत्ता प्राप्ति के लिहाज से कई नेता एक से दल दूसरे दलों में जाने का सिलसिला जारी है.
वर्तमान लोकसभा चुनाव के आगाज होने के साथ ही प्रदेश में राजनीतिक दलों में काफी सरगर्मी पढ़ गई है. कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रदेश राजनीति में सक्रिय होने के बाद बसपा और सपा के लिए चुनौती काफी बढ़ गई है. प्रियंका ने दलित नेता के रुप में उभर रहे चंद्रशेखर उर्फ रावल से मुलाकात के बाद कई नए राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं. ऐसे में एटा के पूर्व सांसद की बेटी नुसरत के सपा में शामिल होने से कहीं न कहीं कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
हाल ही में भाजपा में विभिन्न दलों से करीब 19 नेता शामिल हुए हैं, वहीं, मुलायम सिंह की सपा ने अपने दल में 15 बाहरी नेताओं को स्थान दिया है. कांग्रेस और मायावती की बसपा में दूसरे दल के 7-7 नेता शामिल हुए हैं. बहराइच की बीजेपी सांसद रहीं सावित्री बाई फुले ने मार्च में कांग्रेस में शामिल हुई हैं. कांग्रेस ने उन्हें अपनी पार्टी की तरफ से एक बार पुन: बहराइच सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया है. हालांकि यह कहना कठिन है कि प्रदेश में इस बार किसका पड़ला भारी रहता है.
ये भी पढ़ें: महागठबंधन के लिए क्यों मुश्किल खड़ी कर सकते हैं कांग्रेस के ये उम्मीदवारएक क्लिक और खबरें खुद चलकर आएगी आपके पास, सब्सक्राइब करें न्यूज़18 हिंदी WhatsApp
वर्तमान लोकसभा चुनाव के आगाज होने के साथ ही प्रदेश में राजनीतिक दलों में काफी सरगर्मी पढ़ गई है. कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के प्रदेश राजनीति में सक्रिय होने के बाद बसपा और सपा के लिए चुनौती काफी बढ़ गई है. प्रियंका ने दलित नेता के रुप में उभर रहे चंद्रशेखर उर्फ रावल से मुलाकात के बाद कई नए राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं. ऐसे में एटा के पूर्व सांसद की बेटी नुसरत के सपा में शामिल होने से कहीं न कहीं कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
हाल ही में भाजपा में विभिन्न दलों से करीब 19 नेता शामिल हुए हैं, वहीं, मुलायम सिंह की सपा ने अपने दल में 15 बाहरी नेताओं को स्थान दिया है. कांग्रेस और मायावती की बसपा में दूसरे दल के 7-7 नेता शामिल हुए हैं. बहराइच की बीजेपी सांसद रहीं सावित्री बाई फुले ने मार्च में कांग्रेस में शामिल हुई हैं. कांग्रेस ने उन्हें अपनी पार्टी की तरफ से एक बार पुन: बहराइच सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया है. हालांकि यह कहना कठिन है कि प्रदेश में इस बार किसका पड़ला भारी रहता है.
ये भी पढ़ें: महागठबंधन के लिए क्यों मुश्किल खड़ी कर सकते हैं कांग्रेस के ये उम्मीदवारएक क्लिक और खबरें खुद चलकर आएगी आपके पास, सब्सक्राइब करें न्यूज़18 हिंदी WhatsApp