इटावा: अपहरण की झूठी कहानी रचने वाला डॉक्टर गिरफ्तार, 100 रुपये लेकर शख्स ने पुलिस को दी थी सूचना

इटावा पुलिस ने डॉक्टर की किडनैपिंग का खुलासा कर दिया है, ये फर्जी निकली है.
Etawah News: एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि पुलिस को झूठी सूचना देने के आरोप में कथित रूप से किडनैप हुए युवक और उसके दो साथियों के खिलाफ धारा 195, 211 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: February 9, 2021, 12:48 PM IST
इटावा. उत्तरप्रदेश के इटावा (Etawah) जिले में थाना इकदिल क्षेत्र में कर्ज के पैसे देने से बचने के लिए अपने अपहरण की झूठी साजिश (Fake Kidnapping) रचने वाले कथित डॉक्टर को पुलिस ने दो साथियों समेत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि पिछले शुक्रवार को थाना इकदिल पुलिस को सुबोध राजपूत ने अपने भाई मनोज राजपूत के कार सवार लोगो द्वारा अपहरण किए जाने की सूचना दी थी. सूचना को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस ने तत्काल सूचना दर्ज कर मामले की जांच शुरू की और अपहत मनोज राजपूत की तलाश करने के लिए दो टीमें लगाई गईं.
एसएसपी ने बताया कि पुलिस टीम ने इलेक्ट्रॉनिक और मैन्युल साक्ष्यों के आधार पर दबिश देना शुरू किया. इसी क्रम में कथित रूप से किडनैप मनोज राजपूत को उसके भाई और एक साथी समेत मुसावली के पास ईंट-भट्ठे के पास से सकुशल बरामद किया. पुलिस पूछताछ में मनोज राजपूत ने बताया कि हम लोगों ने कई लोगों से रुपये उधार ले रखे थे जो हमसे रूपयो की रोजाना मांग कर रहे थे. रुपये देने से बचने के लिए हम लोगो ने योजनाबद्ध तरीके से मनोज के अपहरण की झूठी सूचना थाना इकदिल मे दर्ज करवाई थी.
पुलिस को सूचना देने वाले को पकड़ा तो खुलासा
एसएसपी ने बताया कि पुलिस को झूठी सूचना देने के आरोप में कथित रूप से किडनैप हुए युवक और उसके दो साथियों के खिलाफ धारा 195, 211 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है. एसएसपी ने बताया कि अपहरण की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने पूरे मामले की गहनता और गंभीरता से जांच की. जांच के बाद पता चला कि एक ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले पथरे राजुकमार, जो कि फतेहपुर का रहने वाला है, ने ही पुलिस को सबसे पहले मनोज कुमार के अपहरण की खबर पुलिस को दी थी.मनोज, सुबोध और राजकुमार गिरफ्तार
राजकुमार से पुलिस की गहनता के साथ पूछताछ मे यह बात स्पष्ट हुई है कि मनोज ने राजकुमार को 100 रुपये देकर अपने अपहरण की सूचना पुलिस को देने के लिए तैयार कर लिया था. पुलिस ने कडाई से पूछताछ की तो राजकुमार ने अपहरण की पूरी कहानी पेश कर दी. जिसके बाद मनोज उसके भाई सुबोध और राजकुमार को गिरफतार कर लिया गया. सभी के खिलाफ अफवाह फैलाने का मामला दर्ज किया गया. वैसे इटावा में यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आते रहे हैं, जिनके वजह से पुलिस-प्रशासन के अलावा कई लोग परेशान होते रहे हैं.
एसएसपी ने बताया कि पुलिस टीम ने इलेक्ट्रॉनिक और मैन्युल साक्ष्यों के आधार पर दबिश देना शुरू किया. इसी क्रम में कथित रूप से किडनैप मनोज राजपूत को उसके भाई और एक साथी समेत मुसावली के पास ईंट-भट्ठे के पास से सकुशल बरामद किया. पुलिस पूछताछ में मनोज राजपूत ने बताया कि हम लोगों ने कई लोगों से रुपये उधार ले रखे थे जो हमसे रूपयो की रोजाना मांग कर रहे थे. रुपये देने से बचने के लिए हम लोगो ने योजनाबद्ध तरीके से मनोज के अपहरण की झूठी सूचना थाना इकदिल मे दर्ज करवाई थी.
पुलिस को सूचना देने वाले को पकड़ा तो खुलासा
एसएसपी ने बताया कि पुलिस को झूठी सूचना देने के आरोप में कथित रूप से किडनैप हुए युवक और उसके दो साथियों के खिलाफ धारा 195, 211 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है. एसएसपी ने बताया कि अपहरण की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने पूरे मामले की गहनता और गंभीरता से जांच की. जांच के बाद पता चला कि एक ईंट-भट्ठे पर काम करने वाले पथरे राजुकमार, जो कि फतेहपुर का रहने वाला है, ने ही पुलिस को सबसे पहले मनोज कुमार के अपहरण की खबर पुलिस को दी थी.मनोज, सुबोध और राजकुमार गिरफ्तार
राजकुमार से पुलिस की गहनता के साथ पूछताछ मे यह बात स्पष्ट हुई है कि मनोज ने राजकुमार को 100 रुपये देकर अपने अपहरण की सूचना पुलिस को देने के लिए तैयार कर लिया था. पुलिस ने कडाई से पूछताछ की तो राजकुमार ने अपहरण की पूरी कहानी पेश कर दी. जिसके बाद मनोज उसके भाई सुबोध और राजकुमार को गिरफतार कर लिया गया. सभी के खिलाफ अफवाह फैलाने का मामला दर्ज किया गया. वैसे इटावा में यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी इस तरह के कई मामले सामने आते रहे हैं, जिनके वजह से पुलिस-प्रशासन के अलावा कई लोग परेशान होते रहे हैं.