इटावा: प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए बंद करवाई मीट बेचने की 200 दुकानें, यह है वजह...

इटावा जिला प्रशासन ने सड़क पर चलने वाले लोगों को हो रही असुविधा को देखते हुए खुले में मीट बेचने वालों पर सख्ती दिखाई है
इटावा शहर में बिना लाइसेंस और तय मानक पूरे किए बगैर चल रही मांस बेचने (Meat Shop) की दुकानें बंद कर दी गई हैं. उनके लिए स्थान चिन्हित किया जाएगा ताकि शहर मे गंदगी का वातावरण ना बने. इन दुकानों को सार्वजनिक स्थल से हटाकर निर्धारित नाॅन वेज फूड जोन में भेजने का खाका जिला प्रशासन ने तैयार किया है. फूड जोन (Food Zone) के लिए जगह नगर पालिका देगा
- News18Hindi
- Last Updated: February 8, 2021, 5:06 PM IST
इटावा. उत्तर प्रदेश के इटावा (Etawah) में जिला प्रशासन की सख्ती के बाद कानूनी और गैर-कानूनी ढंग से संचालित लगभग 200 मीट शॉप (Meat Shop) को बंद करा दिया गया है. दरअसल सड़क पर चलने वाले लोगों ने खुले में मीट बेचने से परेशानी होने की बात कही थी, जिसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट उमेश कुमार मिश्रा के सघन दौरे के बाद यह कार्रवाई की गई है. पुलिस के द्वारा मीट विक्रेताओं (Meat Seller) को कई बार लिखित और मौखिक रूप से चेतावनी दी गई थी लेकिन किसी ने भी निर्देशों का पालन करना जरूरी नहीं समझा. इस कारण पुलिस-प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए 200 के लगभग मीट की दुकानों (Mutton Shop) को बंद करा दिया है. जिन दुकानों को पूर्व में अनुमति दी भी गई थी उसे भी रद्द कर दिया गया है.
शहर में बिना लाइसेंस और तय मानक पूरे किए बगैर चल रही मांस बेचने की दुकानें बंद कर दी गई हैं. उनके लिए स्थान चिन्हित किया जाएगा ताकि शहर मे गंदगी का वातावरण ना बने. इन दुकानों को सार्वजनिक स्थल से हटाकर निर्धारित नाॅन वेज फूड जोन में भेजने का खाका जिला प्रशासन ने तैयार किया है. फूड जोन के लिए जगह नगर पालिका देगा.
जानकारी के मुताबिक सबसे व्यस्त इलाके नौरंगाबाद चैराहा और गिलहरी पुल के पास सबसे ज्यादा नानवेज की दुकानें लगती हैं. ग्राहकों की भीड़ की वजह से मुख्य रास्ता लगभग बंद हो जाता है. इसके अलावा कहारन पुल, अरविंद पुल, स्टेशन रोड शहर के फिश पाइंट बन गए हैं. सड़क के किनारे खुले में मछली और मुर्गा बेचा जाता है, इन मांस विक्रेताओं को यहां से हटाया जाएगा.
केवल 32 दुकानों को लाइसेंस, मगर 200 से ज्यादा बेच रहे थे मीटसिटी मजिस्ट्रेट उमेश मिश्रा ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि एफएसडीए (फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) ने पूरे शहर में केवल 32 दुकानों को नॉनवेज काटकर (मीट) बेचने का लाइसेंस जारी किया है, लेकिन करीब 200 से ज्यादा दुकानें अवैध तरीके से चल रही हैं. पका कर नॉनवेज बेचने का लाइसेंस किसी भी दुकानदार के पास नहीं है. इस अनियमितता पर एफएसडीए से रिपोर्ट तलब करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट ने दुकानें हटाने का अभियान शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि नॉनवेज के लिए अलग फूड जोन बनाने का प्रस्ताव नगर पालिका को दिया गया है. यह फूड जोन सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाले इलाके से दूर बनाया जाएगा. इसके अलावा बिना लाइसेंस के चल रहीं दुकानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाएंगे.
वहीं मीट दुकानदार कामरान का कहना है कि बिना लाइसेंस चल रहीं दुकानें बंद होनी चाहिए. लेकिन लाइसेंसधारी दुकानदारों को उनकी जगह से हटाने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा. शहर से बाहर नाॅनवेज फूड जोन बनाया गया तो वहां जल्दी ग्राहक नहीं जाएंगे.
शहर में बिना लाइसेंस और तय मानक पूरे किए बगैर चल रही मांस बेचने की दुकानें बंद कर दी गई हैं. उनके लिए स्थान चिन्हित किया जाएगा ताकि शहर मे गंदगी का वातावरण ना बने. इन दुकानों को सार्वजनिक स्थल से हटाकर निर्धारित नाॅन वेज फूड जोन में भेजने का खाका जिला प्रशासन ने तैयार किया है. फूड जोन के लिए जगह नगर पालिका देगा.
जानकारी के मुताबिक सबसे व्यस्त इलाके नौरंगाबाद चैराहा और गिलहरी पुल के पास सबसे ज्यादा नानवेज की दुकानें लगती हैं. ग्राहकों की भीड़ की वजह से मुख्य रास्ता लगभग बंद हो जाता है. इसके अलावा कहारन पुल, अरविंद पुल, स्टेशन रोड शहर के फिश पाइंट बन गए हैं. सड़क के किनारे खुले में मछली और मुर्गा बेचा जाता है, इन मांस विक्रेताओं को यहां से हटाया जाएगा.
केवल 32 दुकानों को लाइसेंस, मगर 200 से ज्यादा बेच रहे थे मीटसिटी मजिस्ट्रेट उमेश मिश्रा ने छानबीन शुरू की तो पता चला कि एफएसडीए (फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) ने पूरे शहर में केवल 32 दुकानों को नॉनवेज काटकर (मीट) बेचने का लाइसेंस जारी किया है, लेकिन करीब 200 से ज्यादा दुकानें अवैध तरीके से चल रही हैं. पका कर नॉनवेज बेचने का लाइसेंस किसी भी दुकानदार के पास नहीं है. इस अनियमितता पर एफएसडीए से रिपोर्ट तलब करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट ने दुकानें हटाने का अभियान शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि नॉनवेज के लिए अलग फूड जोन बनाने का प्रस्ताव नगर पालिका को दिया गया है. यह फूड जोन सार्वजनिक और भीड़भाड़ वाले इलाके से दूर बनाया जाएगा. इसके अलावा बिना लाइसेंस के चल रहीं दुकानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाएंगे.
वहीं मीट दुकानदार कामरान का कहना है कि बिना लाइसेंस चल रहीं दुकानें बंद होनी चाहिए. लेकिन लाइसेंसधारी दुकानदारों को उनकी जगह से हटाने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा. शहर से बाहर नाॅनवेज फूड जोन बनाया गया तो वहां जल्दी ग्राहक नहीं जाएंगे.