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मुलायम सिंह यादव की नहीं होगी तेरहवीं, जानें क्यों? 


दिग्गज समाजवादी नेता व समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव मंगलवार को पंच तत्व में विलीन हो गए.  (Photo: News 18)

दिग्गज समाजवादी नेता व समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव मंगलवार को पंच तत्व में विलीन हो गए. (Photo: News 18)

Mulayam Singh Yadav News: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव का सोमवार को गुरुग्राम ...अधिक पढ़ें

हाइलाइट्स

सैफई की परम्परा के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं का आयोजन नहीं होगा.
रीति रिवाज के मुताबिक, 11 अक्टूबर से 11वें दिन शुद्धिकरण हवन होगा.

दिग्गज समाजवादी नेता व समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव मंगलवार को पंच तत्व में विलीन हो गए. उनके पैतृक गांव सैफई में हजारों की संख्या में लोगों ने उनकी अंतिम यात्रा में शाम‍िल हुए और उनके बड़े बेटे अखिलेश यादव ने नम आंखों से अपने पिता को मुखाग्नि दी. मुखाग्नि देने से पहले अखिलेश ने सिर पर समाजवादी पार्टी (सपा) की लाल टोपी लगाई. वहीं आज सुबह अख‍िलेश प‍िता की अस्‍थ‍ियां लेने के ल‍िए गए और उसके बाद पर‍िवार के साथ शुद्ध‍िकरण संस्‍कार में शाम‍िल हुए.

सैफई की परम्परा के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव की तेरहवीं का आयोजन नहीं होगा. दरअसल, सैफई में तेरहवीं की परंपरा नहीं है. रीति रिवाज के मुताबिक, 11 अक्टूबर से 11वें दिन शुद्धिकरण हवन होगा. सैफई के लोगों का मानना है कि अगर कोई बड़ा आदमी तेरहवीं करता है तो उसे देखकर गरीब आदमी भी करेगा और उस पर आर्थिक बोझ पड़ेगा. इसी वजह से यह व्यवस्था की गई है.

गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री यादव का सोमवार को गुरुग्राम (हरियाणा) में स्थित मेदांता अस्पताल में निधन हुआ था. वह 82 वर्ष के थे. उनके पार्थिव शरीर को सोमवार शाम सैफई लाकर उनकी ‘कोठी’ में रखा गया, जहां हजारों लोग ‘नेताजी’ को अंतिम विदा देने पहुंचे. यादव अपने समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बीच ‘नेताजी’ के नाम से मशहूर थे.

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मंगलवार सुबह अखिलेश यादव और परिवार के अन्य सदस्य एक रथ पर मुलायम का पार्थिव शरीर लेकर ‘कोठी’ से मेला ग्राउंड पहुंचे, जहां लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उसे एक विशाल मंच पर रखा गया. रथ मेला ग्राउंड में पहुंचा तो वहां का माहौल गमगीन हो गया और लोगों की आंखें नम हो गईं.

मंच पर अखिलेश के अलावा उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव, प्रोफेसर राम गोपाल यादव समेत परिवार के तमाम सदस्य नजर आए. परिवार के सदस्यों ने सबसे पहले पुष्प चक्र अर्पित कर नेताजी को अंतिम विदाई दी. पूर्व सांसद डिंपल यादव समेत परिवार की महिलाएं भी मौजूद थीं. अंतिम संस्कार के रस्मो-रिवाज के दौरान जब अखलेश मुखाग्नि दे रहे थे, उस वक्त चिता के पास नेताजी का पूरा परिवार भाई अभय राम सिंह, राजपाल सिंह, शिवपाल सिंह, रामगोपाल यादव भतीजे धर्मेंद्र यादव, कार्तिकेय यादव, अंकुर यादव, अंशुल यादव, प्रतीक यादव पुत्र, तेज प्रताप सिंह आदि मौजूद थे.

पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह समेत सपा के कई नेताओं ने भी यादव का अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दी. सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान अपने विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम के साथ व्‍हीलचेयर पर यादव को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. दोपहर करीब दो बजे अखिलेश यादव और परिवार के अन्‍य सदस्‍यों ने नेताजी की अर्थी को कंधा दिया. इसके बाद यादव के पार्थिव शरीर को विश्राम स्‍थल में चंदन की लकड़ी की चिता पर रखा गया और करीब चार बजे अखिलेश यादव ने उन्हें नम आंखों से मुखाग्नि दी. अंतिम संस्कार के लिए चिता की चंदन की लकड़ी, इत्र, खुशबू, सामग्री आदि कन्नौज से लायी गयी थी.

Tags: Akhilesh yadav, Mulayam Singh Yadav, Uttar pradesh news

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