इटावा. उत्तर प्रदेश के इटावा (Etawah) स्थित राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य (National Chambal Sanctuary) में तेंदुआ के दो नर शावकों के जन्म से सेंचुरी अमले में खुशी का माहौल है. चंबल सेंचुरी के प्रभागीय वन अधिकारी दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि चंबल नदी के किनारे वन कर्मियों को तेंदुओं के पगचिन्ह मिले थे, उसके बाद खोजबीन पर एक स्थान पर मादा तेंदुए के दो शावक मिले. उसके बाद उस इलाके को जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया है. हालांकि वहां कोई आबादी भी नहीं है और पूरा जंगल है. वहां कर्मचारी देखरेख में लगाए हैं. चंबल का वातावरण तेंदुओं के लिए अनुकूल माना जाता है और यहीं कारण है कि यहां इनका कुनबा बढ़ रहा है.
इटावा जिले मे उदी-चकरनगर मार्ग पर चिकनी टॉवर के पास एक पखवारे पहले दिन मादा तेंदुआ ने दो नर शावकों को जन्म दिया है. इसकी जानकारी मिलते ही चंबल सेंचुरी के अधिकारियों ने इस इलाके में ग्रामीणों का प्रवेश वर्जित कर दिया है. आसपास के गांव के लोगों को यह हिदायत दी गई है कि वह उस इलाके में न जाएं जहां मादा शावक अपने बच्चों के पास रह रही है. वन अधिकारियों के मुताबिक चंबल सेंचुरी में बाह से लेकर भरेह तक के 165 किलोमीटर लंबे बीहड़ में करीब 70 से 80 तेंदुआ हैं. हालांकि इनकी कोई गणना तो अभी तक नहीं हुई है, लेकिन ग्रामीणों, चरवाहों व एनजीओ की गणना के आधार पर इनका आंकलन किया गया है. यह कुनबा लगातार बढ़ रहा है.
कई दशक पूर्व चंबल के बीहड़ों से विलायती बबूल की घातक कटीली झाड़ियों बीहड में बहुतायत होने से नाजुक पैर वाला तेंदुआ गुम होने लगे थे. पिछले वर्षों से चंबल सेंचुरी के बीहड़ों में तेंदुआ देखे जाने लगे हैं. चंबल अभ्यारण का खुला वातावरण तेंदुओं की ब्रीडिंग के लिए अनुकूल सिद्ध हो रहा है.
इसी का जीवंत प्रमाण चंबल सेंचुरी के कसऊआ बीट के चिकना जंगल में सर्चिंग के दौरान विभाग को एक माद में दो तेंदुआ के नवजात बच्चे स्वस्थ अवस्था में दिखने पर मिला.
सेंचुरी अमले ने संबंधित जंगल को चारों तरफ से सुरक्षित कर दिया है. विभागीय कर्मियों को तैनात कर दिये गये हैं, जिससे तेंदुए के प्राकृतिक बास में कोई भी छेड़छाड़ ना कर सके. सेंचुरी विभाग के आला अफसर चंबल के संरक्षित बीहड़ों में तेंदुए की सफल ब्रीडिंग के चलते उत्साहित हैं.
चंबल सेंचुरी रेंजर हरिकिशोर शुक्ला ने बताया कि चंबल नदी किनारे सर्च अभियान के दौरान तेंदुए के पैरों के निशान मिलने से अनुमान लगा कि पास में कहीं तेंदुए की माद है. खोजबीन करने पर नदी के किनारे बीहड़ में तेंदुए की माद मिली जिसमें दो नवजात नर बच्चे मिले. यह लगभग 1 सप्ताह पूर्व ही जन्म लिए हो सकते हैं जो माद के अंदर खेलते मिले.
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