इटावा: मासूम के अपहरण में जेल भेजी गई महिला कांस्टेबल, सहकर्मियों को नहीं हुआ आश्चर्य जानिए क्यों?

इटावा की महिला कांस्टेबल मीरा देवी किडनैपिंग केस में गिरफ्तार (File Photo)
Etawah News: कन्नौज में 4 साल के मासूम के अपहरण में गिरफ्तार महिला आरक्षी मीर देवी पिछले साल लॉकडाउन के दौरान सुर्खियों में आई थी. उस समय उसने अपने पति पर सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगाया था और कानपुर पुलिस को कटघरे में खड़ा किया था.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: February 20, 2021, 7:24 AM IST
इटावा. उत्तर प्रदेश के कन्नौज (Kannauj) जिले मे अपहरण (Kidnapping) के मामले में सुर्खियों मे आई इटावा जिले के बकेवर थाने की प्रधान आरक्षी मीरा देवी के बारे में पता चला है कि उसकी बदजुबानी से हर कोई तंग था. बकेवर के थाना प्रभारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कन्नौज से मासूम बच्चे के अपहरण के मामले मे गिरफतार महिला आरक्षी मीरा देवी को जेल भेज दिया गया है. उसके खिलाफ पुलिस के उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भी भी भेज दी गई है.
9 फरवरी को ही आरक्षी मीरा देवी की पुलिस लाइन से बकेवर थाने मे तैनाती की गई थी. कन्नौज के सौरिख में चार साल के आयुष को अगवा करने में आरोपित प्रधान आरक्षी मीरा देवी की बदजुबानी की वजह से पूरा स्टाफ उससे दूरी बनाने में ही भलाई समझता था. स्टाफ का कहना है कि बात अच्छी हो या बुरी, उसकी जुबां पर हरदम गाली और चेहरे पर क्रूरता का भाव ही उसकी पहचान बन गई थी. जब उसका नाम मासूम को अगवा करने के मामले में चर्चा में आया तो स्टाफ के किसी साथी को आश्चर्य नहीं हुआ.
पुलिस ने कानपुर से मासूम को किया था बरामद
पति से झगड़कर पुलिस को ही कठघरे में खड़ी करने वाली मीरा पहले भी सुर्खियों में आ चुकी है. आरक्षी मीरा देवी 13 फरवरी को एक समन तामील कराने के लिए कन्नौज जिले के सौरिख के लिए गई थी, जहां वह मासूम आयुष को अगवा करते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. सौरिख थाना पुलिस ने मासूम अगवा होने की घटना में तत्परता दिखाई और अगवा मासूम को कानपुर के बर्रा-5 से बरामद कर उसके माता-पिता को सुपुर्द कर दिया.हाल ही में इटावा ट्रांसफर होकर आई थी मीरा देवी
मीरा देवी 10 वर्ष तक कानपुर शहर के बर्रा थाने में तैनात रहने के बाद स्थानांतरित होकर इटावा आई थी. जहां से उसकी पहले बिठौली थाने में तैनाती मिली, उसके बाद कचहरी सुरक्षा और भरेह थाने में तैनात रही. ऐसा बताया गया है कि कानपुर देहात के राजपुर की रहने वाली मीरा देवी किशोरावस्था में स्थानीय स्तर पर राजनीति करती रही. मीरा 1997 में पुलिस सेवा में आई. 2001 में उसकी शादी कानपुर निवासी जितेंद्र उर्फ बऊआ चक के साथ हुई, जो मटन का व्यवसायी है.
पिता पर लगाए थे गंभीर आरोप
तीन बच्चों की मां मीरा देवी की पति के साथ अनबन रही. इसी के चलते कानपुर के बर्रा थाने में उसके खिलाफ घर में घुसकर मारपीट करने की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ. लॉकडाउन के दौरान वह तब चर्चा में आई जब उसने अपने पति पर सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगाते हुए खुद को न्याय न मिलने पर कानपुर पुलिस को भी आरोपों के कठघरे में खड़ा कर मीडिया में सुर्खियां बटोरी थीं. सौरिख के मोहल्ला आंबेडकर नगर के नगरिया महादेव निवासी सानू का चार वर्षीय पुत्र मीरा देवी ने उस समय अगवा कर लिया था, जब बच्चा अपने पिता के घर से बाहर निकलते हुए पीछे निकल आया था. बच्चे की बरामदगी के साथ अपहरण में आरोपित आरक्षी मीरा देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
9 फरवरी को ही आरक्षी मीरा देवी की पुलिस लाइन से बकेवर थाने मे तैनाती की गई थी. कन्नौज के सौरिख में चार साल के आयुष को अगवा करने में आरोपित प्रधान आरक्षी मीरा देवी की बदजुबानी की वजह से पूरा स्टाफ उससे दूरी बनाने में ही भलाई समझता था. स्टाफ का कहना है कि बात अच्छी हो या बुरी, उसकी जुबां पर हरदम गाली और चेहरे पर क्रूरता का भाव ही उसकी पहचान बन गई थी. जब उसका नाम मासूम को अगवा करने के मामले में चर्चा में आया तो स्टाफ के किसी साथी को आश्चर्य नहीं हुआ.
पुलिस ने कानपुर से मासूम को किया था बरामद
पति से झगड़कर पुलिस को ही कठघरे में खड़ी करने वाली मीरा पहले भी सुर्खियों में आ चुकी है. आरक्षी मीरा देवी 13 फरवरी को एक समन तामील कराने के लिए कन्नौज जिले के सौरिख के लिए गई थी, जहां वह मासूम आयुष को अगवा करते हुए सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. सौरिख थाना पुलिस ने मासूम अगवा होने की घटना में तत्परता दिखाई और अगवा मासूम को कानपुर के बर्रा-5 से बरामद कर उसके माता-पिता को सुपुर्द कर दिया.हाल ही में इटावा ट्रांसफर होकर आई थी मीरा देवी
मीरा देवी 10 वर्ष तक कानपुर शहर के बर्रा थाने में तैनात रहने के बाद स्थानांतरित होकर इटावा आई थी. जहां से उसकी पहले बिठौली थाने में तैनाती मिली, उसके बाद कचहरी सुरक्षा और भरेह थाने में तैनात रही. ऐसा बताया गया है कि कानपुर देहात के राजपुर की रहने वाली मीरा देवी किशोरावस्था में स्थानीय स्तर पर राजनीति करती रही. मीरा 1997 में पुलिस सेवा में आई. 2001 में उसकी शादी कानपुर निवासी जितेंद्र उर्फ बऊआ चक के साथ हुई, जो मटन का व्यवसायी है.
पिता पर लगाए थे गंभीर आरोप
तीन बच्चों की मां मीरा देवी की पति के साथ अनबन रही. इसी के चलते कानपुर के बर्रा थाने में उसके खिलाफ घर में घुसकर मारपीट करने की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ. लॉकडाउन के दौरान वह तब चर्चा में आई जब उसने अपने पति पर सेक्स रैकेट चलाने का आरोप लगाते हुए खुद को न्याय न मिलने पर कानपुर पुलिस को भी आरोपों के कठघरे में खड़ा कर मीडिया में सुर्खियां बटोरी थीं. सौरिख के मोहल्ला आंबेडकर नगर के नगरिया महादेव निवासी सानू का चार वर्षीय पुत्र मीरा देवी ने उस समय अगवा कर लिया था, जब बच्चा अपने पिता के घर से बाहर निकलते हुए पीछे निकल आया था. बच्चे की बरामदगी के साथ अपहरण में आरोपित आरक्षी मीरा देवी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.