अयोध्या में सफाई घोटाला: 300 फर्जी कर्मचारियों के नाम पर निगम को लगाया 3 करोड़ का चूना

अयोध्या नगर निगम में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है.
300 फर्जी कर्मचारियों के जरिए संविदा कंपनी ने अयोध्या नगर निगम (Ayodhya Municipal Corporation) को 2 साल में 3 करोड़ से अधिक की चपत लगाई है. अब इस मामले की जांच शुरू की गई है.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: October 9, 2020, 4:30 PM IST
फैजाबाद. अयोध्या नगर निगम (Ayodhya Municipal Corporation) में फर्जी सफाई कर्मियों के नाम पर लगभग 3 करोड़ रुपये के घोटाले (Scam) का मामला सामने आया है. नगर निगम द्वारा संविदा कंपनी को दिये गये भुगतान के बिल में फर्जी नाम पाए गए हैं. सफाई कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग कंपनी की जांच में यह खुलासा हुआ है. इसके बाद नगर आयुक्त विशाल सिंह ने पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है. अगर जांच सही तरह से हुई तो जनपद के कई बड़े सफेदपोशों के नाम इस मामले में आ सकते हैं.
300 फर्जी कर्मचारियों के जरिए संविदा कंपनी ने अयोध्या नगर निगम को 2 साल में 3 करोड़ से अधिक की चपत लगाई है. आउटसोर्सिंग कंपनी को किए गए भुगतान की रसीदों की जांच में यह गड़बड़झाला पकड़ा गया है. फर्जी सफाई कर्मचारी के नाम पर प्रतिमाह करीब 15 लाख रुपये का चूना लगाया जा रहा था. अब नगर निगम ऐसे फर्जी सफाई कर्मचारियों की लिस्ट तैयार कर रहा है.
ऐसे हुआ खुलासा
नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि सफाई कर्मचारियों को तैनात करने वाली रघुवंशी इन्फोटेक पर शिकंजा कसा था. कंपनी ने एक-एक कर्मचारी को बुलाकर सबका वेरिफिकेशन कराया. साथ ही आउटसोर्सिंग कंपनी के दस्तावेज भी तलब किये गये. इसमें पता चला कि साल 2018 में ही कंपनी का अनुबंध खत्म हो गया है. इसके बाद जांच शुरू की गई. अब इस मामले में नया मोड़ आया है. पता चला है कि 300 कर्मचारियों का मानदेय तो दिया जा रहा था, लेकिन ये लोग काम पर नहीं जाते थे और न ही इनका कोई डेटा सही है.
जांच में यह भी पता चला है कि मस्टररोल पर चढ़ाने के बाद ही आउटसोर्सिंग कंपनी को पता चल पाता है कि ये कर्मचारी हैं. ऐसे कर्मचारियों की संख्या लगभग 300 के आसपास है. यह कर्मचारी नगर निगम को प्रतिमाह लगभग 15 लाख रुपये का नुकसान पहुंचा रहे थे. 2 साल में करीब तीन करोड़ रुपये की चपत लगाई है.
रकम की रिकवरी की तैयारी
नगर निगम का मानना है कि इसके पीछे लंबी साठ-गांठ है, जिसकी जांच की जा रही है. नगर निगम जल्द ही खातों में भेजी गई धनराशि की रिकवरी व रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी में है.
300 फर्जी कर्मचारियों के जरिए संविदा कंपनी ने अयोध्या नगर निगम को 2 साल में 3 करोड़ से अधिक की चपत लगाई है. आउटसोर्सिंग कंपनी को किए गए भुगतान की रसीदों की जांच में यह गड़बड़झाला पकड़ा गया है. फर्जी सफाई कर्मचारी के नाम पर प्रतिमाह करीब 15 लाख रुपये का चूना लगाया जा रहा था. अब नगर निगम ऐसे फर्जी सफाई कर्मचारियों की लिस्ट तैयार कर रहा है.
ऐसे हुआ खुलासा
नगर आयुक्त विशाल सिंह ने बताया कि सफाई कर्मचारियों को तैनात करने वाली रघुवंशी इन्फोटेक पर शिकंजा कसा था. कंपनी ने एक-एक कर्मचारी को बुलाकर सबका वेरिफिकेशन कराया. साथ ही आउटसोर्सिंग कंपनी के दस्तावेज भी तलब किये गये. इसमें पता चला कि साल 2018 में ही कंपनी का अनुबंध खत्म हो गया है. इसके बाद जांच शुरू की गई. अब इस मामले में नया मोड़ आया है. पता चला है कि 300 कर्मचारियों का मानदेय तो दिया जा रहा था, लेकिन ये लोग काम पर नहीं जाते थे और न ही इनका कोई डेटा सही है.
जांच में यह भी पता चला है कि मस्टररोल पर चढ़ाने के बाद ही आउटसोर्सिंग कंपनी को पता चल पाता है कि ये कर्मचारी हैं. ऐसे कर्मचारियों की संख्या लगभग 300 के आसपास है. यह कर्मचारी नगर निगम को प्रतिमाह लगभग 15 लाख रुपये का नुकसान पहुंचा रहे थे. 2 साल में करीब तीन करोड़ रुपये की चपत लगाई है.
रकम की रिकवरी की तैयारी
नगर निगम का मानना है कि इसके पीछे लंबी साठ-गांठ है, जिसकी जांच की जा रही है. नगर निगम जल्द ही खातों में भेजी गई धनराशि की रिकवरी व रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी में है.