एकता की मिसालः फैजाबाद में हिन्दू- मुस्लिम मिलकर कर रहे गणेश पूजा
शहर के मुकेरी टोला में दोनों समुदाय के लोग पिछले 6 साल से मिलजुलकर गणेश पूजा का आयोजन कर रहे हैं. इस पूजा को उत्सव की तरह मनाया जाता है. जिसमें मुस्लिम समाज के बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं.
- News18 Uttar Pradesh
- Last Updated: September 20, 2018, 7:40 PM IST
जहां देश के अलग अलग हिस्सों में हिंदू-मुस्लिम एक दूसरे की जान के लिए खतरा बने रहते हैं, वहीं भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या और नवाबो की नगरी फैजाबाद में हिंदू- मुस्लिम की एकता एक नजीर पेश कर रही है. हिंदू- मुस्लिम की यह एकता प्रदेश के लोगों के लिए सांप्रदायिक सौहार्द, गंगा जमुनी तहजीब व भाईचारा की एक मिसाल बन रही है. दरअसल, फैजाबाद शहर में हिंदू और मुस्लिम समाज के लोग मिलकर गणेश पूजा कर रहे हैं. इससे पूरे प्रदेश में आपसी भाईचारे का संदेश जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, शहर के मुकेरी टोला में दोनों समुदाय के लोग पिछले 6 साल से मिलजुलकर गणेश पूजा का आयोजन कर रहे हैं. इस पूजा को उत्सव की तरह मनाया जाता है, जिसमें मुस्लिम समाज के बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं. यहां तक कि मुस्लिम समुदाय के लोग आर्थिक मदद के साथ श्रमदान भी करते हैं.
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सबसे बड़ी बात यह है कि जब तक मुस्लिम समुदाय के लोग पूजा स्थल पर नहीं आ जाते, तब तक आरती शुरू नहीं होती. क्योंकि मुस्लिम लोग भी आरती में श्रद्धा के साथ हिस्सा लेते हैं. साथ ही आरती खत्म होने के बाद हिन्दू युवकों के साथ मिलकर मुस्लिम युवक भी प्रसाद बांटते हैं. वहीं, विसर्जन के दिन दोनों समुदाय के लोग गुप्तार घाट पर सरयू नदी में गणेश विसर्जन करते हैं.ये भी पढ़ें- ज्वैलर्स से करोड़ों की चोरी का पुलिस ने किया खुलासा, 70 लाख के आभूषण बरामद
हिंदू मुस्लिम की एकता, चाहे गणेश पूजा हो या फिर दुर्गा पूजा, सब में निखर कर आती है. क्योंकि दोनों ही पर्व में मुस्लिम समाज के लोग अपनापन के साथ शरीक होते हैं. वहीं, मुस्लिमों के त्योहारों में भी हिन्दू समाज के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. ये वही लोग हैं, जो नेताओं के भड़काऊ भाषणों से खुद को दूरी बनाकर रखते हैं, ताकि आपसी प्रेम कम न हो.
जानकारी के मुताबिक, शहर के मुकेरी टोला में दोनों समुदाय के लोग पिछले 6 साल से मिलजुलकर गणेश पूजा का आयोजन कर रहे हैं. इस पूजा को उत्सव की तरह मनाया जाता है, जिसमें मुस्लिम समाज के बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं. यहां तक कि मुस्लिम समुदाय के लोग आर्थिक मदद के साथ श्रमदान भी करते हैं.
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सबसे बड़ी बात यह है कि जब तक मुस्लिम समुदाय के लोग पूजा स्थल पर नहीं आ जाते, तब तक आरती शुरू नहीं होती. क्योंकि मुस्लिम लोग भी आरती में श्रद्धा के साथ हिस्सा लेते हैं. साथ ही आरती खत्म होने के बाद हिन्दू युवकों के साथ मिलकर मुस्लिम युवक भी प्रसाद बांटते हैं. वहीं, विसर्जन के दिन दोनों समुदाय के लोग गुप्तार घाट पर सरयू नदी में गणेश विसर्जन करते हैं.ये भी पढ़ें- ज्वैलर्स से करोड़ों की चोरी का पुलिस ने किया खुलासा, 70 लाख के आभूषण बरामद
हिंदू मुस्लिम की एकता, चाहे गणेश पूजा हो या फिर दुर्गा पूजा, सब में निखर कर आती है. क्योंकि दोनों ही पर्व में मुस्लिम समाज के लोग अपनापन के साथ शरीक होते हैं. वहीं, मुस्लिमों के त्योहारों में भी हिन्दू समाज के लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. ये वही लोग हैं, जो नेताओं के भड़काऊ भाषणों से खुद को दूरी बनाकर रखते हैं, ताकि आपसी प्रेम कम न हो.